केंद्रीय मंत्री मांडविया ने किसानों को दी राहत, देशभर में जल्द 2 लाख होंगे PMKSK
PM Kisan Samridhi Kendras farm: देशभर में फर्टिलाइजर, बीज और एग्रीकल्चर उपकरण के लिए 1.6 लाख ‘वन-स्टॉप शॉप’ - पीएम किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) चालू हो गए हैं और जल्द ही यह संख्या दो लाख के आंकड़े तक पहुंच जायेगी.
PM Kisan Samridhi Kendras farm: देशभर में फर्टिलाइजर, बीज और एग्रीकल्चर उपकरण के लिए 1.6 लाख ‘वन-स्टॉप शॉप’ - पीएम किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) चालू हो गए हैं और जल्द ही यह संख्या दो लाख के आंकड़े तक पहुंच जायेगी. केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को यह जानकारी दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 जुलाई को 1.25 लाख पीएमकेएसके समर्पित करते हुए कहा कि किसानों के लिए ये वन-स्टॉप केंद्र उनकी समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे.
पिछले साल लिया था बदलने का फैसला
पिछले साल केंद्र सरकार ने देश में खुदरा उर्वरक दुकानों को चरणबद्ध तरीके से पीएमकेएसके में बदलने का फैसला किया था. कंपनियों, सहकारी समितियों और डीलरों द्वारा संचालित 3.3 लाख से अधिक खुदरा उर्वरक दुकानों को पीएमकेएसके में परिवर्तित करने की योजना है.
बढ़ेगी PMKSK की संख्या
रसायन और उर्वरक मंत्री मांडविया ने यहां संवाददाताओं से कहा है कि मौजूदा समय में देशभर में 1.6 लाख पीएमकेएसके चालू हैं. इससे किसानों को मदद मिल रही है क्योंकि उन्हें एक ही दुकान पर बीज, उर्वरक और उपकरण मिल रहे हैं. PMKSK की संख्या और बढ़ेगी और जल्द ही दो लाख तक पहुंच जाएगी.
7 राज्यों के किसानों से की बात
मांडविया सात राज्यों - गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तराखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश के 500 पीएमकेएसके में 1,000 से अधिक किसानों को वर्चुअल तौर पर संबोधित करने के बाद एक सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने इन राज्यों के कुछ किसानों से बातचीत की और उन्होंने बताया कि पीएमकेएसके ने उन्हें कृषि आदानों को खरीदने में बहुत मदद की है.
प्रत्येक ब्लॉक में एक से ज्यादा होंगे PMKSK
मांडविया ने कहा कि देशभर में प्रत्येक ब्लॉक में एक से अधिक पीएमकेएसके हैं. उन्होंने कहा है कि पीएमकेएसके जल्द ही केवल सभी कृषि जरूरतों के लिए वन-स्टॉप केंद्र के बजाय किसानों की समृद्धि के लिए एक संस्थान बन जाएगा. ये पीएमकेएसके कृषि-आदानों (उर्वरक, बीज, उपकरण), और मिट्टी, बीज और उर्वरकों के लिए परीक्षण सुविधाएं प्रदान करने, किसानों में जागरूकता पैदा करने के अलावा विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं.
इनपुट - भाषा एजेंसी