Mutual Fund Update: म्यूचुअल फंड में निवेश कर लोग अच्छी सेविंग कर सकते हैं. कई बार लोग अपने बच्चों के लिए सेविंग करते हैं और उन्हीं के नाम पर अकाउंट भी खोल लेते हैं. ऐसे में माता-पिता अक्सर अपने बच्चों के लिए या तो अपने नाम पर या नाबालिग बच्चे के नाम पर निवेश करते हैं. जब अवयस्क 18 वर्ष का हो जाता है, तो वह कुछ कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद ही खाते का संचालन कर सकता है. इस संबंध में म्यूचुअल फंड निवेश के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया यहां दी गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पैन कार्ड हासिल करें
नाबालिग जो बालिग हो गया है उसे पैन के लिए आवेदन करने की जरूरत है या फिर मौजूदा पैन रिकॉर्ड को अपने फोटो और हस्ताक्षर के साथ अपडेट करें.


बैंक खाता खोलें या अपडेट करें
आवेदक को वयस्क के रूप में एक नया बैंक खाता खोलने या मौजूदा खाते को नाबालिग से बालिग में अपडेट कराने की जरूरत है. इसके बाद बैंक आवेदक के नाम के साथ चेक बुक जारी कर सकता है.


केवाईसी प्रक्रिया
इसके बाद आवेदक को केवाईसी फॉर्म भरकर और आवश्यकतानुसार पहचान और पते के प्रमाण दस्तावेज जमा करके म्यूचुअल फंड केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करना होगा.


स्टेटस फॉर्म सब्मिट करें
बालिग होने के फॉर्म (एमएएम) को भरना होगा और पैन की प्रति, केवाईसी एक्नॉलेजमेंट की प्रति, कैंसल चेक जिस पर आवेदक का नाम छपा हो, नॉमिनेशन फॉर्म और निर्धारित प्रारूप में बैंकर के जरिए हस्ताक्षर का सत्यापन जमा करना होगा.


ध्यान देने योग्य बातें
बच्चे के अवयस्क होने पर भी यूनिट्स का स्वामित्व अवयस्क के पास होता है और अभिभावक अवयस्क की ओर से लेनदेन कर सकते हैं. नाबालिग के बालिग होने पर सभी स्थायी निर्देश जैसे एसआईपी और एसटीपी अपने आप बंद हो जाते हैं.


जरूर पढ़ें:                                                                 


सिर्फ रजिस्ट्री कराने से नहीं बनते प्रॉपर्टी के मालिक, ये एक गलतफहमी अभी कर लें दूर NSE ने न‍िवेशकों को चेताया, यहां न‍िवेश करने वाले हो जाएंगे 'कंगाल'; आज ही न‍िकाल लें पैसा