PPF Account: केंद्र सरकार की ओर से पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम भी चलाई जा रही है. इस पीपीएफ स्कीम के तहत केंद्र सरकार की ओर से आम जनता को इंवेस्टमेंट करने और बचत करने का मौका दिया जाता है. इसके साथ ही इस स्कीम में अगर कोई इंवेस्टमेंट करता है तो उस शख्स को टैक्स सेविंग का भी लाभ मिलता है. हालांकि अक्सर लोग इस स्कीम में इंवेस्टमेंट करते वक्त एक छोटी-सी गलती भी कर देते हैं जिसके कारण लोगों को आगे नुकसान उठाना पड़ता है. आइए जानते हैं इसके बारे में...


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ब्याज
दरअसल, पीपीएफ स्कीम पर केंद्र सरकार की गारंटी रहती है. इस स्कीम पर सरकार की ओर से ब्याज दिया जाता है और ब्याज दर की हर तीन महीने में समीक्षा भी की जाती है. अगर सरकार को लगता है कि पीपीएफ स्कीम पर दिए जाने वाले ब्याज में बदलाव किया जाना चाहिए तो बदलाव भी किया जाता है. फिलहाल पीपीएफ स्कीम पर सरकार की ओर से 7.1 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है.


इतना कर सकते हैं इंवेस्टमेंट
वहीं इस स्कीम में अगर कोई शख्स इंवेस्टमेंट करता है तो एक वित्त वर्ष में शख्स के जरिए 1.5 लाख रुपये का इंवेस्टमेंट किया जा सकता है. इस इंवेस्टमेंट को एक वित्त वर्ष में बढ़ाया नहीं जा सकता है. वहीं जिस शख्स का पीपीएफ अकाउंट है, उस शख्स को मिनिमम 500 रुपये हर वित्त वर्ष में जमा करना जरूरी है.


पीपीएफ अकाउंट
पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी 15 साल की होती है. अगर किसी शख्स को इस अकाउंट में इंवेस्टमेंट करना है तो उस शख्स को 15 साल के बाद ही मैच्योरिटी अमाउंट मिलेगी. वहीं अगर कोई शख्स एक वित्त वर्ष में इस अकाउंट में मिनिमम 500 रुपये का इंवेस्टमेंट भी नहीं कर पाता है तो अकाउंट डोरमेंट हो जाएगा. ऐसे में लोगों को इस बात का काफी ध्यान रखना होगा कि पीपीएफ अकाउंट में हर वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये का इंवेस्टमेंट जरूर करें.


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