Insurance Plan: गलती करना मानवीय है, लेकिन वित्तीय गलती करना आपको तब नुकसान पहुंचा सकता है जब आपको इसकी बिल्कुल भी उम्मीद न हो. लोगों के जरिए की जाने वाली ऐसी ही एक वित्तीय गलती यह है कि अंतिम समय में टैक्स सेविंग निवेश करने की जल्दबाजी में वे अपनी बीमा जरूरतों का गलत आकलन कर लेते हैं. लोग अपनी बीमा आवश्यकताओं पर विचार किए बिना, प्रीमियम भुगतान से मिलने वाले टैक्स बेनेफिट का लाभ उठाने के लिए ही जीवन बीमा पॉलिसी खरीदते हैं.


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टर्म इंश्योरेंस प्लान
टर्म इंश्योरेंस प्लान के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स बेनेफिट के लिए योग्य है. आप अपने, अपने पति या पत्नी और अपने बच्चों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. टैक्स सेविंग के लिए यह पॉलिसी काफी अहम साबित हो सकती है.


टर्म इंश्योरेंस प्लान का महत्व
हालांकि बीमा प्लान खरीदते समय विचार करने के लिए टैक्स बेनेफिट एकमात्र कारक नहीं होना चाहिए. एक टर्म इंश्योरेंस प्लान किसी परिवार के लिए आय प्रतिस्थापन उपकरण के रूप में कार्य करता है जब कमाई करने वाले शख्स की मौत हो जाती है. टर्म इंश्योरेंस प्लान का महत्व इतना है कि वित्तीय योजनाकार भी दीर्घकालिक लक्ष्यों के लिए निवेश शुरू करने से पहले जीवन कवर लेने का सुझाव देते हैं.


जरूरी जानकारी करें हासिल
टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदें तो कई जरूरी जानकारी भी हासिल करें और अपनी जरूरत भी देखें. ऐसे में टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदते वक्त कुछ बातों के बारे में जानकारी हासिल कर लें, ताकी आप बेहतर प्लान का चुनाव कर सकें और अपनी जरूरत के हिसाब से प्लान चुन सकें.


इनका रखें ध्यान---


- आपकी जरूरत क्या है?
- क्या एक प्लान काफी है?
- क्या राइडर को जोड़ना चाहिए?
- टेन्योर क्या होना चाहिए?
- प्लान किस प्रकार का होना चाहिए?
- ऑफलाइन या ऑनलाइन इंश्योरेंस करवाएं?
- किस कंपनी से इंश्योरेंस खरीदें?
- नॉमिनेशन किसे रखें?