Dussehra: फेस्टिवल सीजन के दौरान देश में कई त्योहार आते हैं. इनमें एक त्योहार दशहरा का भी है. दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए याद किया जाता है. दशहरा के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था और तभी से इस दिन को दशहरा के रूप में मनाया जाता है. वहीं आज के आर्थिक दौर में लोग दशहरा के त्योहार से फाइनेंस से जुड़ी सीख भी ले सकते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में...


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दौलत बनाने में आने वाली बाधाओं को करें दूर


भगवान राम ने रावण का वध कर विजय हासिल की थी. भगवान राम को अच्छाई के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है और रावण को बुराई के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है. ऐसे में उन्होंने बुराई को खत्म कर लोगों को जीने की नई राह दिखाई थी. इससे सीख मिलती है कि अमीर बनने के लिए लोगों को बुराई पर जीत हासिल करनी होगी और बाधाओं को दूर करना होगा. कर्ज, क्रेडिट कार्ड की उधारी, शेयर बाजार में हानि आदि ऐसी बाधाएं हैं, जो लोगों को अमीर बनने से रोकती है. ऐसे में अमीर बनने के लिए इन बाधाओं को अपनी समझदारी से निपटना होगा.


अनुशासन से फैसले लेना


भगवान राम काफी अनुशासित माने जाते हैं. ऐसे में लोगों को भगवान राम के अनुशासन को आर्थिक गतिविधियों में भी अपनाना चाहिए. लोगों को अनुशासित इंवेस्टमेंट करना चाहिए, ताकी उनसे अच्छे रिटर्न मिल सके. ऐसे में लोगों में वित्तीय अनुशासन सीखना चाहिए.


धैर्य रखें


रावण ने मां सीता का अपहरण कर लिया. इसके बाद भगवान राम ने धैर्य रखा और समझदारी से लंका पर विजय हासिल की. आज के दौर में निवेशकों में धैर्य की कमी देखने को मिलती है. निवेशकों को अच्छा रिटर्न हासिल करने के लिए धैर्य रखना होगा. लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट से अच्छा रिटर्न मिलने में वक्त लगता है और वक्त के लिए लोगों को धैर्य रखना होगा.


फाइनेंस की करें रक्षा


दशहरा दुनिया में मानवता की रक्षा करने की सीख देता है. ऐसे में लोगों को आज के दौर में अपने वित्त की भी रक्षा करनी चाहिए. अपने वित्त की रक्षा करने से ही लोग दौलत में इजाफा कर सकते हैं. इसके साथ ही लोगों को इमरजेंसी फंड भी बनाकर रखना चाहिए ताकी बुरे वक्त में उस फंड का इस्तेमाल किया जा सके और लोन लेने से बचा जा सके.