तिरुवनंतपुरमः शनिवार शाम से केरल के चर्चित सबरीमाला मंदिर के कपाट खोल दिए गए. हालांकि इस दौरान केरल सरकार का मामले में कुछ यू-टर्न नजर आया. केरल सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह महिलाओं को दर्शन के लिए मंदिर ले जाने के लिए कोई प्रयास नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने वाले 28 सितंबर, 2018 के उसके आदेश पर स्थगन नहीं है. इसके बाद भी शनिवार को जब महिलाएं पहुंची तो उन्हें दर्शन से रोका गया.
#WATCH Kerala: Priests open the sanctum sanctorum of the #SabarimalaTemple. pic.twitter.com/wOhQiv1ErZ
— ANI (@ANI) November 16, 2019
पंबा बेस कैंप से लौटाया
पूजा में हिस्सा लेने के लिए आंध्र प्रदेश से आई महिलाओं को पुलिस ने पंबा से ही लौटा दिया. जानकारी के अनुसार लौटाई गईं इन सभी महिलाओं की उम्र 10 वर्ष से 50 वर्ष के बीच है. मंदिर की परंपरा के अनुसार 10 से 50 वर्ष के बीच की उम्र की महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित है. सबरीमला मंदिर को दो महीने तक चलने वाले समारोह के लिए आधिकारिक तौर पर रविवार सुबह पांच बजे खोला जाना है. हालांकि, शनिवार शाम को इसे मंदिर के पुजारियों के धार्मिक अनुष्ठान के लिए खोला गया. रोकी गईं महिलाएं आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से आई थीं. यह तीनों श्रद्धालुओं के पहले जत्थे का हिस्सा थीं, जिन्हें पुलिस ने पंबा बेस कैंप में दस्तावेजी जांच व पहचान पत्र देखने के बाद रोक दिया गया. सबरीमाला मंदिर में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को पंबा बेस कैंप से होकर गुजरना होता है. यहां से अयप्पा मंदिर की आठ किलोमीटर रह जाती है. यहीं जरूरी औपचारिकताएं पूरी की जाती हैं. यह जगह पथनमहिट्टा से 55 किलोमीर दूरी पर स्थित है.
Kerala: Devotees throng #SabarimalaTemple to offer prayers during the Mandala Pooja festival; A devotee says, "Ladies should not be allowed to enter the temple. Supreme Court is not bigger than God." pic.twitter.com/eD29m73hpB
— ANI (@ANI) November 16, 2019
रोकने पर बात मानकर लौट गईं महिलाएं
लोगों ने बताया कि पुलिस को शक था कि तीनों महिलाओं की उम्र 10-50 वर्ष आयुवर्ग के मध्य थी, इसलिए उन्हें उनके समूह से अलग कर दिया गया. बताया गया कि तीनों महिलाओं को जब मंदिर की परंपरा की जानकारी दी गई तो इसके बाद वे खुद ही वापस जाने के लिए तैयार हो गईं, जबकि बाकी लोग आगे बढ़ गए. इस बार मंदिर परिसर में कोई वर्जना और निषेध जैसी आज्ञा नहीं लागू है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने बहुमत के एक फैसले में सबरीमाला से जुड़ी समीक्षा याचिकाओं को बड़ी पीठ के पास भेज दिया लेकिन उसने कहा कि महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने वाले 28 सितंबर, 2018 का उसका आदेश पूर्ववत रहेगा. इस बार, केरल सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह महिलाओं को दर्शन के लिए मंदिर में ले जाने के लिए कोई प्रयास नहीं करेगी. पिछले साल पुलिस ने महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की थी, इसका तब काफी विरोध किया गया था.