नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे आजम खान सपरिवार कानूनी शिकंजे में फंस गए हैं. आजम पर खुद भी पहले से कई केस दर्ज हैं ही अब उनकी पत्नी तजीन फात्मा के खिलाफ रामपुर की स्पेशल कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किए हैं. इसके अलावा उनके बेटे सपा विधायक अब्दुल्ला आजम दो जन्म प्रमाण पत्र बनाने में फंस गए हैं. इस मामले में अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी. गंज कोतवाली में दर्ज मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि पूर्व मंत्री आजम खां तथा उनकी विधायक पत्नी तजीन फातिमा ने अपने विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम के दो-दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाए हैं. यह सजिश अनुचित लाभ लेने के लिए की गई है.
Rampur dist court y'day issued non-bailable warrants against Samajwadi Party MP Azam Khan, his wife Tazeen Fatma & their son-SP MLA Abdullah Azam Khan in connection with the matter related to dispute in birth documents of Abdullah Azam Khan. Next date of hearing Dec 2.(file pics) pic.twitter.com/vAWnoraJHp
— ANI UP (@ANINewsUP) November 21, 2019
पड़ोसी से मारपीट में आजम के खिलाफ वारंट
आजम खान के खिलाफ पड़ोसी से मारपीट और आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर दो अलग-अलग मामलों में गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खान पर आचार संहिता के उल्लंघन करने के आरोप लगे थे. फर्जी सर्टिफिकेट मामले में रामपुर के थाना गंज में आजम खान, तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम खान पर धारा 193, 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी साल के जनवरी में जांच के बाद आरोप सही पाए गए थे.
बुधवार को होना था हाजिर, नहीं हुए पेश
बुधवार को फर्जी सर्टिफिकेट रखने के मामले में तीनों को कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन खान परिवार पेश नहीं हुआ. वहीं भाजपा नेता आकाश सक्सेना अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट में हाजिर हुए. रामपुर के सहायक शासकीय अधिवक्ता के अनुसार अपर जिला जज धीरेंद्र कुमार ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में तीनों के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किए हैं और अगली सुनवाई की तारीख 2 दिसंबर तय की है. वादी आकाश सक्सेना ने कोर्ट से अनुरोध किया कि पुलिस की ढिलाई के चलते आजम और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को पूर्व में जारी नोटिस भी तामील नहीं कराए जा सके हैं. इस पर कोर्ट ने नाराजगी भी जताई.
यह है पूरा मामला
खान परिवार के खिलाफ यह याचिका रामपुर के नवाब कासिम अली खां ने दाखिल की थी. इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं की मार्क्सशीट में उनकी जन्मतिथि 1 जनवरी 1993 की है, जबकि क्वीन मैरी अस्पताल में उनका जन्म हुआ और वहां उनकी जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज है.
21 अप्रैल 2015 को नगर निगम लखनऊ से जारी कराए गए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर ही ऐफिडेविट दाखिल किया गया है. अपर शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रामौतार सैनी ने बताया कि कोर्ट ने आजम खां, तजीन फातमा और अब्दुल्ला आजम के गैर जमानती वारंट जारी किए हैं.