कोलकाताः यहां के बर्द्धमान जंक्शन रेलवे स्टेशन पर एक बड़ा हादसा हो गया. शनिवार देर शाम 8ः30 बजे प्रवेश द्वार के पास का एक हिस्सा अचानक ढह गया. इस हादसे में 6 लोग घायल हो गए. बताया जा रहा है कि इनमें दो की हालत गंभीर है. आशंका जताई जा रही थी कि हादसे में कई लोग चपेट में आए होंगे, लेकिन मलबा हटाने के क्रम में कोई अन्य पीड़ित नहीं मिला. पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि हादसे की जगह निर्माण कार्य चल रहा था. इसी दौरान एक ढांचा ढह गया.
ट्रेनों की आवाजाही पर असर नहीं
हादसे की जानकारी मिलते ही मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया था. भवन के इस हिस्से के गिरने के कारणों की जांच के लिए निर्देश दिए गए हैं. बताया गया कि घायलों में 4 लोगों को प्राथमिक उपचार दिया गया, वे सुरक्षित हैं, लेकिन दो लोगों को गंभीर चोटे आई हैं. उन्हें अस्पताल ले जाया गया है. हालांकि हादसे के कारण रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही को लेकर कोई असर नहीं पड़ा है. स्टेशन परिसर में यात्रियों के आने-जाने के लिए वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की गई है.
West Bengal: A portion of a building at Barddhaman Railway Station has collapsed. No casualty or injury reported till now. More details awaited. pic.twitter.com/KQzBSBL9Jb
— ANI (@ANI) January 4, 2020
इमारत करीब 100 साल पुरानी
बर्द्धमान रेलवे स्टेशन पूर्वी रेलवे के एक प्रमुख रेलवे स्टेशनों में एक है. इमारत करीब 100 साल पुरानी बताई जा रही है. रेलवे स्टेशन कोलकाता से करीब 95 किलोमीटर दूर व्यस्त हावड़ा नई दिल्ली लाइन पर है. बंगाल के इस रेलवे स्टेशन पर जिस वक्त यह घटना हुई उस वक्त यहां बड़ी संख्या में यात्री मौजूद थे. हादसे को देखते हुए स्टेशन पर बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन में आपदा प्रबंधन दल के साथ रेलवे और स्थानीय पुलिस के लोग भी शामिल थे.
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पिछले साल चर्चा में रहा था स्टेशन
स्टेशन का नाम जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के वर्द्धमान नाम पर है. पिछले साल 2019 में नाम बदलने की राजनीति में यह स्टेशन चर्चा में आया था. दरअसल तब केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने यह ऐलान कर दिया था कि पं. बंगाल का वर्द्धमान स्टेशन स्वतंत्रता सेनानी बटुकेश्वर दत्त के नाम से जाना जाएगा. वर्द्धमान शहर स्वतंत्रता सेनानी दत्त की जन्मस्थली रहा है. हालांकि जैन धर्म के मानने वाले लोगों ने इस घोषणा के खिलाफ अपील की थी. तब रेल मंत्री पीयूष गोयल ने नाम न बदले जाने को लेकर आश्वासन दिया था.