नई दिल्लीः अभी तो आप मना रहे होंगे, कैसे भी जल्द से कोरोना संकट खत्म हो जाए और सभी लोग सामान्य जीवन की ओर फिर से लौट सकें, लेकिन जो पूर्वानुमान हो रहे हैं उससे लग रहा है कि साल 2020 अपने साथ संघर्ष, जंग और तबाही लेकर आया है.
साल की शुरुआत के साथ ही कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए कहर बन बैठा है. अब एक अनुमान के मुताबिक इस साल के अंत तक 16 छोटे-बड़े तूफानों का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि इन तूफानों से कौन-कौन से क्षेत्र प्रभावित होंगे यह अभी सटीक नहीं पता चल पाया है.
इन तूफानों में आठ हरिकेन शामिल
कोरोना वायरस के बाद भी खतरे के बादल मंडराएंगे. यह तथ्य शोध के बाद पूर्वानुमान सामने रखते हुए कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानियों ने बताया है. उन्होंने बताया कि इस साल दुनियाभर में 16 से ज्यादा समुद्री तूफान आने का पूर्वानुमान लगाया है.
The tropical and subtropical Atlantic generally is warmer than normal. The region with above-normal SSTs in Atlantic correlates fairly well with typical March SST pattern associated with above-normal #hurricane seasons. Exception is current cold anomaly in far North Atlantic. pic.twitter.com/2rzfTN8nKK
— Philip Klotzbach (@philklotzbach) April 2, 2020
इनमें आठ हेरिकन भी शामिल हैं. इन आठ में चार तूफान बेहद खतरनाक और शक्तिशाली होंगे. विशेषज्ञों ने कहा, हमें इस साल फिर से बड़ी गतिविधियां होने के संकेत मिले हैं.
भूस्खलन होने के संकेत भी मिले
मौसम विज्ञानी फिलिप क्लॉट्सबेक ने कहा, हमारा अनुमान है कि 2020 में अटलांटिक बेसिन हरिकेन मौसम की गतिविधि सामान्य से ऊपर होगी. जिन हरिकेन तूफान की श्रेणी 3 से 5 होगी, वो बड़े तूफान बन जाएंगे. इनमें 111 मील प्रति घंटे और इससे अधिक गति की तेज हवाएं चलेंगी. अनुमान है कि ये तूफान 1 जून से 30 नवंबर के हरिकेन मौसम के दौरान आएंगे. क्लॉट्सबेक ने कहा, इन बड़े तूफानों से भूस्खलन होने के संकेत भी मिले हैं.
अमेरिका के तटों के पास 69 फीसदी भूस्खलन होने की आशंका
उनके मुताबिक, इस साल कम-से-कम एक बड़े तूफान से अमेरिका के तटों के पास 69 फीसदी भूस्खलन होने की आशंका है. हालांकि, पूर्वानुमान में सटीक रूप से यह अनुमान नहीं लग पाया है कि तूफान कहां पर हमला कर सकते हैं और किसी स्थान पर भू-स्खलन की आशंका कम है.
One of the reasons for the above-average seasonal #hurricane forecast from CSU is due to the likely lack of #ElNino this summer/fall. El Nino generally increases vertical wind shear in the Atlantic, tearing apart hurricanes. pic.twitter.com/CkC93ukSCm
— Philip Klotzbach (@philklotzbach) April 2, 2020
क्लॉट्सबेक और अन्य विशेषज्ञों ने बताया कि अटलांटिक बेसिन में प्रतिवर्ष औसतन 12 उष्णकटिबंधीय तूफान होते हैं, जिनमें से छह हरिकेन होते हैं.
वैज्ञानिकों ने नाम भी तय कर लिए
वैज्ञानिकों के मुताबिक जो तूफान आने वाले हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं. आर्थुर , बेरथा, क्रिस्टोबल, डॉली, एडुअर्ड, फे, गोंजालो, हन्ना, इजाइअस, जोसफिन, केली , लौरा, मार्को , नाना, ओम , पौलेट, रेने, सैली, टेडी, विक्की और विल्फ्रेड. इनमें आठ तूफान हेरिकेन श्रेणी के होंगे, चार तबाही वाले होंगे, बाकी सामान्य प्रकार के. वैज्ञानिकों ने इन सभी के नाम भी तय कर दिए.
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जानिए, क्या है हरिकेन
हरिकेन एक प्रकार का तूफान है, जिसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात कहा जाता है. ये शक्तिशाली व विनाशकारी तूफान होते हैं. इनकी उत्पत्ति अटलांटिक बेसिन में होती है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, एक उष्णकटिबंधीय तूफान तब एक हरिकेन बन जाता है, जब इसकी हवा की गति 74 मील प्रति घंटे तक पहुंच जाती है. इसकी तीव्रता को सैफिर-सिंपसन हरिकेन विंड स्केल से मापा जाता है.