इस कंपनी के CEO ने अपने सभी 60 हजार कर्मचारियों को दिया अपना फोन नंबर, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
Adidas CEO: ब्योर्न गुल्डेन (Bjorn Gulden) चाहते थे कि उनके कर्मचारी उनके साथ सीधे बातचीत कर सकें, चाहे वह कोई भी या चिंता हो. उन्होंने कहा कि वह कर्मचारियों की प्रतिक्रियाओं को सुनना चाहते हैं और उन्हें कंपनी की दिशा में मार्गदर्शन देने में मदद करना चाहते हैं.
Adidas CEO: स्पोर्ट्सवियर कंपनी एडिडास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ब्योर्न गुल्डेन (Chief Executive Officer Bjorn Gulden) ने हाल ही में काम में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए एक साहसिक कदम उठाया. उन्होंने एक टाउन हॉल मीटिंग में अपने करीब 60,000 कर्मचारियों के साथ अपना मोबाइल नंबर शेयर किया. ब्योर्न गुल्डेन (Bjorn Gulden) चाहते थे कि उनके कर्मचारी उनके साथ सीधे बातचीत कर सकें, चाहे वह कोई भी या चिंता हो. उन्होंने कहा कि वह कर्मचारियों की प्रतिक्रियाओं को सुनना चाहते हैं और उन्हें कंपनी की दिशा में मार्गदर्शन देने में मदद करना चाहते हैं.
एडिडास कंपनी के CEO ने शेयर किया नंबर
ब्योर्न गुल्डेन पहले फुटबॉल खिलाड़ी थे, 2023 के जनवरी में एडिडास के बॉस बने, तो कंपनी मुश्किलों में थी. जर्मन स्पोर्ट्स ब्रांड को 2022 के आखिरी तिमाही में 724 मिलियन यूरो का घाटा हुआ था और उन्होंने हाल ही में अमेरिकी रैपर Kanye West के साथ भी साझेदारी खत्म कर ली थी. गुल्डेन का मानना है कि लीडरों को खुलकर बोलना चाहिए, हालांकि कुछ लोग उन्हें पागल समझते हैं. कंपनी को मुश्किल से निकालने के लिए गुल्डेन ने कर्मचारियों की चिंताएं सुनीं और पारदर्शिता बढ़ाने की कोशिश की. वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, अपना नंबर देने के बाद कर्मचारी उन्हें हफ्ते में 200 बार फोन करते थे और कंपनी में बदलाव चाहते थे.
किन फैसलों की वजह से मार्केट में जमाया पैर?
गुल्डेन ने 1990 के दशक में एडिडास में काम किया था. 1990 के दशक में एडिडास में काम करने के बाद पुमा चले गए मिस्टर गुल्डेन ने वापसी करते ही 2023 में कंपनी का नेतृत्व संभाला. उनके नेतृत्व में अब कंपनी मुनाफा कमाने की उम्मीद कर रही है, जबकि उसके प्रतिद्वंद्वी नाइक के शेयर में गिरावट आई है. चलिए उन फैसलों पर नजर डालते हैं जिससे गुल्डेन ने कमाल कर दिया. गलतियां करने वाले सलाहकारों को बाहर का रास्ता दिखाया. मिस्टर गुल्डेन ने उन कंसल्टेंट्स को कंपनी से निकाल दिया, जिन पर उन्होंने स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में बेवकूफी भरे फैसले लेने का आरोप लगाया.
भारतीय क्रिकेट बाजार में रखा कदम
बड़े बाजारों का रुख किया. भारत जैसे बड़े बाजारों में क्रिकेट जैसे खेलों पर फिर से ध्यान दिया, जहां लाखों दीवाने मौजूद हैं. सीधा संवाद बढ़ाया और अपने सभी 60 कर्मचारियों को अपना मोबाइल नंबर शेयर किया, ताकि सभी डिपार्टमेंट ट्रांसपेरेंसी बना रहे. वक्त बचाने वाले फैसले लिए. कंपनी में कम समय बर्बाद करने वाली समीक्षा प्रक्रिया को हटा दिया. ये बड़े बदलाव रंग लाए और 2023 में भारतीय क्रिकेट टीम के साथ प्रायोजन समझौते के बाद सिर्फ तीन महीनों में भारत में 6 लाख जर्सी बिकी.