देश के इस एयरपोर्ट पर सुनाई जाती है `संस्कृत` में अनाउंसमेंट, सुनकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं यात्री; देखें Video
Sanskrit Announcement at Varanasi Airport: अभी तक, हवाई अड्डे पर किसी भी प्रकार की घोषणाओं के लिए हिंदी और अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन बीते शुक्रवार से एयरपोर्ट पर अनाउंसमेंट के लिए तीसरी भाषा के तौर पर संस्कृत को जोड़ा गया है.
Announcement In Sanskrit At Varanasi Airport: यदि आप भविष्य में किसी भी समय वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जाते हैं, तो आपको संस्कृत भाषा में कोविड-19 की घोषणाएं सुनने को मिलेंगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हवाईअड्डे ने संस्कृत में महत्वपूर्ण कोविड-19 घोषणाएं करना शुरू कर दिया है, एक पहल जिसे भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सहयोग से शुरू किया है. अभी तक, हवाई अड्डे पर किसी भी प्रकार की घोषणाओं के लिए हिंदी और अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन बीते शुक्रवार से एयरपोर्ट पर अनाउंसमेंट के लिए तीसरी भाषा के तौर पर संस्कृत को जोड़ा गया है.
वाराणसी हवाई अड्डे पर संस्कृत में अनाउंसमेंट
वाराणसी हवाई अड्डे ने शुक्रवार को ट्वीट किया, 'अब भाविप्रा वाराणसी विमानतल पर अंग्रेजी और हिंदी के बाद संस्कृत में भी कोविड मानदंडों की घोषणा की जा रही है. हमारे सम्मानित यात्रियों को विमानतल पर आते ही महसूस हो जाएगा कि वे काशी-संस्कृत भाषा के पीठ स्थान में प्रवेश कर चुके हैं.' हवाईअड्डा निदेशक आर्यमा सान्याल ने कहा कि संस्कृत घोषणा की पहल भाषा को सम्मान देने के लिए शुरू की गई है. संस्कृत की घोषणा वाली एक क्लिप ने अब ट्विटर पर हलचल मचा दी है. कई लोगों ने इस पहल की सराहना की है. जबकि कुछ यूजर्स ने इसकी आलोचना करते हुए कहा कि यह इस भाषा को पुनर्जीवित करने के लिए कुछ नहीं करेगा.
वीडियो वायरल होने पर लोगों ने कही ऐसी बात
एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'यह सुखद है कि संस्कृत में वाराणसी हवाई अड्डे पर घोषणा की जा रही है. संस्कृत को आम भाषा बनाने का यह एक अच्छा प्रयास है. वाराणसी रेलवे स्टेशन पर भी ऐसा होना चाहिए.' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'यात्रियों के लिए घोषणाएं की जाती हैं. कितने लोग संस्कृत को समझ सकते हैं? इसे भोजपुरी में क्यों नहीं करते? या फिर वाराणसी की मूल भाषा में.' एक तीसरे यूजर ने लिखा, 'स्कूल में संस्कृत को वैकल्पिक भाषा के रूप में चुनने पर मुझे हमेशा पछतावा होता था. वाराणसी की अपनी अगली यात्रा पर, मुझे उम्मीद है कि मैं अपने संस्कृत कौशल को हवाई अड्डे के कर्मचारियों को दिखा सकता हूं.' इस पहल के बारे में आप क्या सोचते हैं?
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