पुराना है प्रयागराज और बमों का नाता, बमबाजों ने मुंबई तक की है BOMB सप्लाई, जानें कैसे
पुराने लोगों का कहना है कि यहां तो हर मोहल्ले में एक बमबाज होता था और हैरान करने वाली बात यह है कि बम बनाने वाले अधिकतर लोगों के हाथ बम बनाते समय कट-फट जाते थे. लेकिन हर बम बनाने वालों की कोई ना कोई अलग-अलग खासियत होती थी.
Bombs History Of Prayagraj: हाल ही में प्रयागराज में हुई बमबाजी का वीडियो पूरे देश ने देखा. यह भी दिखा कि कैसे खुले में बमों को फेंका गया और उससे धुआं निकलता हुआ दिखाई दिया. इसके बाद कानून-व्यवस्था को लेकर तो कई प्रकार की चर्चा चली ही चली लेकिन आइए जानते हैं कि प्रयागराज में बमों का क्या इतिहास रहा है. यहां के बमबाज कितने पुराने हैं और उन्होंने किस तरह के बमों को बनाया है. असल में प्रयागराज यानी कि इलाहाबाद में बमों को बनाने का काम आज का नहीं बल्कि दशकों से यहां ऐसा होता है.
पुर्री बमबाज
दरअसल, हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट्स में बमों के इतिहास के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट छापी गई है. रिपोर्ट में पुराने बमों के जानकार लोगों से बातचीत की गई और इसके बारे में बताया गया कि कब और कैसे इलाहबाद में बमों का इतिहास रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक शहर में पहली बार बम से हत्या करने का मामला साल 1972-73 में आया था, जब एक इंजीनियर की सदियाबाद में बमों से मारकर हत्या कर दी गई थी. ऐसे इसलिए क्योंकि उसने कुछ बमबाजों का विरोध कर दिया था. इस हत्या में पुर्री बमबाज का हाथ बताया गया था.
सुतली कागज और लोहे के छर्रे
रिपोर्ट के मुताबिक दूसरी घटना 1974-75 में सामने आई, जब भोला पहलवान की लोकनाथ व्यायामशाला के पास राजकुमार नाम के एक शख्स की हत्या कर दी गई थी. पुर्री बमबाज इलाहाबाद के शुरूआती बमबाजों में से एक था. वह कोट के एक जेब में गंधक, दूसरे में पोटाश, तीसरी जेब में मेंशन और चौथी जेब में सुतली कागज और लोहे के छर्रे रखता था. ताकि तुरंत बम तैयार हो जाए.
बाहर भी सप्लाई के लिए भेजे
शुरुआत में दो तरह के बम बनते थे. एक वो जो हत्या के लिए, दूसरे जो सिर्फ धमाका करने के लिए बनाए जाते थे. कुछ सालों बाद कीडगंज इलाके के बमबाज डिब्बी बम बनने लगे. डिब्बी बम 'भोला सुरती' की छोटी डिब्बी का इस्तेमाल करके बनाए जाते थे. उसके बाद पेट्रोल बम बनाया जाने लगा. धीरे-धीरे यहां के बम बाहर भी सप्लाई के लिए भेजे जाने लगे. बगल के जिलों से लेकर मुंबई तक इन्हें भेजा जाने लगा.
हिंदी खबरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे