शतरंज चैंपियन ने होटल के बाथटब में किया टॉयलेट, फिर छीन ली गई विनिंग ट्रॉफी
China Chess Champion: चीन के राष्ट्रीय जियांगकी चैंपियन यान चेंगलोंग (Yan Chenglong) ने इस खेल में एक नया मोड़ ला दिया है. चैंपियन को उनका खिताब इस वजह से छीन लिया गया क्योंकि उन्होंने अपनी जीत का अनोखा जश्न बाथटब में मनाया, जो कि लोगों को काफी अजीब लगा.
Chess Champion In China: शतरंज के खेल में, लड़ाई आमतौर पर 64 खानों वाले बोर्ड तक ही सीमित होती है. लेकिन, चीन के राष्ट्रीय जियांगकी चैंपियन यान चेंगलोंग (Yan Chenglong) ने इस खेल में एक नया मोड़ ला दिया है. चैंपियन को उनका खिताब इस वजह से छीन लिया गया क्योंकि उन्होंने अपनी जीत का अनोखा जश्न बाथटब में मनाया, जो कि लोगों को काफी अजीब लगा. 48 साल के शतरंज खिलाड़ी यान चेंगलोंग ने 17 दिसंबर को चीनी शतरंज टूर्नामेंट में "Xiangqi King" का प्रतिष्ठित खिताब जीत लिया. पूरा देश अपने नए शतरंज चैंपियन के लिए खुशियां मना रहा था, लेकिन उनकी खुशी जल्दी ही मायूसी में बदल गई जब चीनी शतरंज संघ (CXA) ने एक चौंकाने वाला ऐलान किया.
बाथटब में खुशियां मनाना पड़ा भारी
CXA ने यान को उनकी बेढंगी हरकतों के चलते खिताब छीनने और इनाम की रकम जब्त करने का ऐलान किया. अब आपके मन में सवाल ज़रूर उठ रहा होगा कि आखिर क्या थी ये बेढंगी हरकतें? तो सुनिए, जीत के नशे में यान को ख्याल आया कि होटल के बाथटब में खुशियां मनाना ही सबसे बढ़िया तरीका होगा. CXA ने यान के बर्ताव पर नाराजगी जाहिर की और उनका खिताब छीन लिया. उन्होंने बताया कि उन्होंने होटल का नुकसान किया, शालीनता और अच्छे व्यवहार का उल्लंघन किया और जियांगकी की छवि को बिगाड़ा. संघ ने उनके काम को बहुत ही घटिया बताया.
छीन लिया गया खिलाड़ी का खिताब
इस पूरी घटना को और ज़्यादा उलझा देने के लिए ऑनलाइन ये अफवाहें फैलने लगीं कि प्रतियोगिता के दौरान यान ने कुछ धोखाधड़ी की थी. कुछ लोगों का कहना था कि वो अपने शरीर के अंदर एक छोटा उपकरण छिपाकर लाए थे, जिससे किसी से गुप्त संदेश मिल रहे थे. ये संदेश उसे गलत तरीके से जीतने में मदद दे रहे थे. हालांकि, CXA ने सफाई दी कि उनके पास इसका कोई सबूत नहीं है. अपने ऊपर लगे आरोपों और खिताब छीने जाने के बाद भी यान ने अपनी बेगुनाही का दावा किया. एक स्थानीय मीडिया से उन्होंने बताया कि उस रात उन्हें अचानक पेट खराब हो गया था, जिस वजह से उन्हें होटल के बाथटब का सहारा लेना पड़ा.