Human Brains: आप कभी शॉवर में खड़े होकर साबुन लगा रहे होते हैं, तभी अचानक एक शानदार विचार आपके दिमाग में आता है. या फिर आप अचानक याद करते हैं कि जब आपने 17 साल की उम्र में दोस्तों की पार्टी में बहुत ज्यादा शराब पी थी, तो आपने कैसे अपनी बेवकूफी का प्रदर्शन किया था. शॉवर में आने वाले ऐसे विचारों का एक दिलचस्प और वैज्ञानिक कारण है. शोध से यह खुलासा हुआ है कि शॉवर जैसी साधारण गतिविधियों के दौरान दिमाग में क्रिएटिव आइडिया ज्यादा आते हैं.


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शॉवर में रचनात्मक विचार क्यों आते हैं?


वर्जीनिया विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर जैकरी इरविंग ने इस विषय पर गहरे शोध किए हैं. उनका मानना ​​है कि शॉवर जैसी बोरिंग गतिविधियों के दौरान हमारा दिमाग बिना किसी रोक-टोक के विचारों की दुनिया में खो जाता है. इरविंग ने कहा, “हमारे दिमाग को किसी विशेष ध्यान या मोटर कार्य की आवश्यकता नहीं होती, जिससे दिमाग के लिए खुले विचारों की दुनिया बन जाती है.” 


दिमागी बोरियत से आती है प्रेरणा


इरविंग के अनुसार, जब हम बेहद बोर हो जाते हैं तो हमारा दिमाग उत्साह और उत्तेजना की तलाश करता है. उदाहरण के लिए अगर हम कुछ भी दिलचस्प नहीं कर रहे होते, तो हम अपने फोन पर ध्यान देना शुरू कर देते हैं, जो क्रिएटिव सोच के लिए सही नहीं है. असल में, शॉवर जैसे साधारण कामों के दौरान दिमाग को बिना किसी बाहरी ध्यान के घूमने का मौका मिलता है, जो रचनात्मक विचारों को जन्म देता है.


दिन में सपने देखना और दिमाग का सक्रिय होना


जब हम दिन में सपने देखते हैं, तो हमारे दिमाग का ‘डिफॉल्ट मोड नेटवर्क’ (DMN) सक्रिय होता है. यह नेटवर्क दिमाग के विभिन्न हिस्सों के बीच बेहतर संवाद सुनिश्चित करता है. इस नेटवर्क के एक्टिव होने से हमें ऐसे विचार मिल सकते हैं जो हम सामान्य रूप से नजरअंदाज कर देते हैं. इसका मतलब यह है कि शॉवर में आने वाले विचारों से हमें नए और इनोवेटिव आइडिया मिल सकते हैं जो महत्वपूर्ण निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं.


क्या करें जब दिमाग में आ रहे हों विचार?


अगर आप किसी महत्वपूर्ण बैठक के लिए विचारों को संकलित कर रहे हैं, तो शॉवर लेने से आपको एक प्रेरणा मिल सकती है. हालांकि, इस दौरान अपने लैपटॉप या फोन को शॉवर में न ले जाएं, क्योंकि वे आपकी रचनात्मकता को बाधित कर सकते हैं.