Mughal Sultanat: मुगलों के बारे में आपने किताबों में खूब पढ़ा होगा. लेकिन आज हम उस मुगल के बारे बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में आपने शायद ही पढ़ा होगा. इतिहास की किताबों में दर्ज आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का नाम आपने सुना होगा. आपको बता दें कि बहादुर शाह जफर के 20 बेटे थे. बहादुर शाह के दो बेटे मिर्जा जवान बख्त और मिर्जा शाह अब्बास इनकी तस्वीरें (जो आपको ब्लैक एंड व्हाइट में दिख रही होंगी) अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होती है. उनके बारे में ऐसा कहा जाता है कि बहादुर शाह के इन दोनों बेटों ने मुगल साम्राज्य का पतन अपनी आंखों से देखा था. 


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बहादुर शाह के साथ अंग्रेजों ने ये किया था 


1857 की क्रांति को अंग्रेज दबाते हुए आगे बढ़ने लगे और जब अंग्रेज जीतने की हालत में नजर आने लगे. तब अंग्रेजी फौज के मेजर हडसन ने बहादुर शाह के सामने आत्मसमर्पण का विकल्प दिया. बहादुर शाह ने 20 सितंबर 1857 को अंग्रेजी फौज के आगे इस शर्त पर आत्‍मसमर्पण कर दिया कि उनके परिवार को कुछ नहीं किया जायेगा. बहादुर शाह जफर ने हुमायूं के मकबरे में आत्‍मसमर्पण कर दिया.


बहादुर शाह ने रंगून में तोड़ा दम 


बहादुर शाह के आत्मसमर्पण के बाद अंग्रेजों ने निर्वासन की एक बड़ी शर्त रखी. निर्वासन के दौरान बहादुर शाह को बर्मा (जो आज का म्यांमार है) में रंगून के लिए रवाना किया गया. इतिहासकारों का मानना है कि रंगून जाते समय मिर्जा जवान बख्‍त और मिर्जाशाह अब्बास भी उनके साथ गए. बहादुर शाह की मौत रंगून में ही हुई और उनके बेटों की भी मौत रंगून में ही हुई.


जफर का लाडला था मिर्जा जवान बख्‍त


इतिहास के जानकार बताते हैं कि दोनों बेटों में मिर्जा जवान बख्‍त से जफर को ज्यादा लगाव था. बख्‍त का पालन-पोषण उसकी मां जीनत महल ने किया था. जीनत की पूरी इच्छा थी कि मुगलों का अगला वारिस बख्‍त बनें लेकिन अंग्रेजों के आगे जीनत की एक ना चली.  रंगून भेजे जाने के बाद मिर्जा जवान बख्‍त को शराब ऐसी की आदत लगी कि लिवर सिरोसिस की वजह से 18 सितंबर 1884 को उसकी मौत हो गई. तब जवान बख्‍त की उम्र  43 साल ही थी. 25 दिसंबर 1910 को मिर्जा शाह अब्‍बास ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया.


अब किस हाल में मुगलों के वंशज 


क्या आपको पता है कि जिन मुगलों ने कई सौ सालों तक भारत पर राज किया. अब उनके वंशज कहां और किस हालत में हैं? इसका पता 2005 में आई टाइम्‍स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट से चलता है. उस रिपोर्ट में सुल्‍ताना बेगम का जिक्र मिलता है. तब उनकी उम्र 60 साल थी. रिपोर्ट में कहा कि सुल्‍ताना बेगम अन्तिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की पौत्रवधू थी. तब ये हावड़ा की झुग्गियों में मामूली पेंशन पर रोजमर्रा की जिन्दगी बिता रही थी. 


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