Indian Railways: त्योहारों के समय जब पूरा देश खुशियां मना रहा होता है, तब उत्तर भारत एक पुरानी समस्या से परेशान होने लग जाता है और वह है बहुत ज्यादा भीड़ और ट्रेनों की देरी. पर इस साल सर्दी ने हालत और खराब कर दी है. कोहरे और रास्ते कम दिखाई देने की वजह से रेलवे पर बहुत असर पड़ा है. यात्रियों को ट्रेनों के देरी से चलने या कैंसिल होने का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी यात्रा में परेशानियां हो रही हैं.


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यात्री को लेट ट्रेन की वजह से खर्च करने पड़े इतने रुपये


कानपुर का एक रहने वाला एक शख्स तब सुर्खियों में आया जब उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले जो ट्विटर था) पर अपना बुरा अनुभव शेयर किया. उसने बताया कि उसकी ट्रेन पूरे नौ घंटे लेट थी, जिसके चलते वो झांसी में अपनी कनेक्टिंग ट्रेन पकड़ नहीं पाता. कम ऑप्शन की वजह से उसने मजबूरन कानपुर से झांसी के लिए एक महंगी इंटरस्टेट टैक्सी लेने का फैसला किया ताकि उसकी अगली ट्रेन न छूटे.


 



 


सोशल मीडिया पर जाहिर किया गुस्सा


कानपुर के यात्री ने सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया. उनकी ट्रेन, जिसमें उन्होंने 1,500 रुपये का तत्काल टिकट लिया था, पूरे 9 घंटे लेट थी. उन्हें झांसी से 8 बजकर 15 बजे राजधानी पकड़नी थी, लेकिन ट्रेन के लेट होने का पता दोपहर 2 बजे चला. मजबूर होकर उन्हें 4,500 रुपये में ओला किराए पर लेनी पड़ी. यात्री ने निराश होकर गुस्से में लिखा, "6,000 रुपये खर्च हो गए, इतना नुकसान!"


इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर ट्रेन की देरी का सामना करने वाले दूसरे यात्रियों ने भी अपने अनुभव बताए. एक ने मजाक में लिखा, "मेरी बुआ न्यूयॉर्क जल्दी पहुंच गई दिल्ली से पश्चिम बंगाल के मुकाबले (ट्रेन 16 घंटे लेट है)!" दूसरे ने अपने काम पर असर होने की चिंता बताई, "मैं नागपुर-हैदराबाद ट्रेन 12724 तेलंगाना एक्सप्रेस से आ रहा हूं, सुबह 7.10 बजे आनी थी, पर 3.30 बजे पहुंची. मेरी रात की शिफ्ट 8 बजे है, लेकिन ट्रेन 9 घंटे लेट है, मेरी तनख्वाह कटने के लिए कौन जिम्मेदार है?"