बिल्ली की डेथ एनिवर्सिरी पर मालिक ने अखबार में छपवाई तस्वीर, रोते हुए लिख दी ऐसी बात
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बिल्ली की डेथ एनिवर्सिरी पर मालिक ने अखबार में छपवाई तस्वीर, रोते हुए लिख दी ऐसी बात

Cat Death Anniversary: चंचू नायर नाम की एक बिल्ली जो 2018 में बुढ़ापे से मरने से पहले लगभग 18 साल तक जिंदा रही. इस दुनिया में आज भी लोगों के दिलों में बसती है. पालतू बिल्ली के मालिक आज भी उसे श्रद्धांजलि के माध्यम से जिंदा रखते हैं.

 

बिल्ली की डेथ एनिवर्सिरी पर मालिक ने अखबार में छपवाई तस्वीर, रोते हुए लिख दी ऐसी बात

Cat First Death Anniversary: चंचू नायर नाम की एक बिल्ली जो 2018 में बुढ़ापे से मरने से पहले लगभग 18 साल तक जिंदा रही. इस दुनिया में आज भी लोगों के दिलों में बसती है. पालतू बिल्ली के मालिक आज भी उसे श्रद्धांजलि के माध्यम से जिंदा रखते हैं. उसने अपनी पालतू बिल्ली के पहली वर्षगांठ पर अखबार में तस्वीर भी छपवाई थी. उसके परिवार ने एक श्रद्धांजलि शेयर की जो इंटरनेट पर वायरल हो गई. अखबार में साल 2019 में प्रकाशित किया गया था. यह तस्वीर एक बार फिर से वायरल हुई है. 

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चंचू के लिए शेयर की गई श्रद्धांजलि में लिखा, “पहली पुण्यतिथि, चंचू नायर. मोलुट्टी, हम आपको बहुत याद करते हैं.”  श्रद्धांजलि न केवल अपनी भावनात्मक श्रद्धांजलि के लिए वायरल हुई, बल्कि इसलिए भी कि लोगों ने सवाल किया कि एक बिल्ली को केरल के एक जाति से जुड़ा उपनाम कैसे मिला. इसके जवाब में परिवार ने कहा कि वे चंचू को अपनी छोटी बेटी मानते थे, इसलिए उपनाम रखा था. टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पालतू बिल्ली के मालिक पहली बार अपने घर के बाहर एक बगीचे में चंचू से मिली थे.

 

 

उन्होंने याद किया, “एक बार, मैंने इस बिल्ली को देखा, जो शाम को काम से लौटने के बाद मेरे आने का इंतजार करती थी. मैं कभी-कभी उसे दूध या खाना देता था और इस तरह हमारा संबंध धीरे-धीरे बढ़ता गया. जब मैं केरल में बड़ा हुआ था, तो मेरे पास एक बिल्ली थी जिसे मैं सुंदरी कहता था और मैंने इस बिल्ली का भी नाम वही रखा. समय के साथ इसे छोटा करके चंचू कर दिया गया और वह हमारे जीवन का हिस्सा बन गई.”

ट्रेंड नहीं होने के बावजूद चंचू ने एक आदत बनाए रखी, उसने कभी भी अपने मालिक के खाने की थाली पर पंजा नहीं रखा. इसके अलावा वह केवल ताजी मछली ही खाती थी. वह भी अगर उसे उसके प्यारे मालिक द्वारा परोसा जाता था तो. चंचू ने अपनी शुरुआती गर्भावस्था में सभी बिल्ली के बच्चों को खोने का अनुभव किया और सर्जरी करवाने के बाद नर बिल्लियों से काफी विमुख हो गई. चंचू किसी भी अन्य बिल्ली की तरह अपनी मालिक के प्रति बहुत अधिक स्वामित्व रखती थी और किसी और के बहुत करीब आने पर गुस्सा करती थी. 

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उन्होंने कहा, “उसे कभी भी मेरी बेटियों को भी मेरे बहुत करीब बैठना पसंद नहीं था और वह हमेशा मेरी गोद में रहना चाहती थी. हम बाहर भी नहीं जा सकते थे, क्योंकि वह परेशान हो जाती थी.” चंचू के बड़े होने के साथ वह उम्र से संबंधित बीमारियों के शिकार हो गई. चंचू के मालिक ने आगे कहा, “हमारे पड़ोसी भी अपने अंतिम दिनों में उससे मिलने आते थे. कुछ ही दिनों में वह अपने रोगों के कारण मर गई. हमें उसे जाने देना पड़ा.” चार लोगों के परिवार ने एक पशु चिकित्सा अस्पताल के भीतर एक विद्युत श्मशान में बिल्ली का अंतिम संस्कार किया.

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