Trending News: हजारों प्रकार के बैक्टीरिया और आर्किया हैं जो इंसान की आंत के माइक्रोबायोम का निर्माण करते हैं. सूक्ष्मजीवों की एक ही प्रजाति के विभिन्न उपभेदों में अलग-अलग जीन होते हैं जो आपके स्वास्थ्य और उन बीमारियों को प्रभावित कर सकते हैं जिनसे आप ग्रस्त हैं. वर्तमान में इस बारे में अधिक जानकारी नहीं है कि अलग-अलग व्यक्तियों की आंतों में एक ही प्रकार के सूक्ष्मजीवों के अलग-अलग प्रकार क्यों होते हैं, हालांकि रिसर्चर्स अब यह समझना शुरू कर रहे हैं. अमेरिका और कनाडा में एक कंपनी ह्यूमन माइक्रोब्स ने इस बीच एक ऐसा प्रयास अपनाया है जो हमारी समझ से थोड़ा परे है.


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एक बार सैंपल देने पर 40 हजार रुपये से ज्यादा


ये कंपनी एक बार मल का सैंपल देने पर ₹41,000 और अगर आपकी रोजाना दस्त की आदत है तो हर साल ₹1 करोड़ 40 लाख तक दे रही है. ये कंपनी दुनिया भर से 'डोनेशन' लेती है और कई तरह के डोनेशन को बढ़ावा देती है. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, अगर आपको ये पैसे कम लगते हैं तो आप अपनी खुद की कीमत भी तय कर सकते हैं. उनकी वेबसाइट पर एक वीडियो भी है जिसमें बताया गया है कि कैसे आप 'मल दाता' बन सकते हैं. वीडियो में इस बात पर जोर दिया गया है कि उन्हें मानव मल की जरूरत है और ये किसी की जान बचा सकता है.


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आखिर ये कंपनी ऐसा क्यों कर रही?


आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये कंपनी ऐसा क्यों कर रही है? वैज्ञानिकों का मानना है कि स्वस्थ लोगों के मल का साफ किया हुआ सैंपल मरीजों के शरीर में डाला जा सकता है. इससे मानसिक बीमारियों और पेट की समस्याओं का इलाज करने में मदद मिल सकती है. जो लोग सैंपल दान करते हैं, उन्हें कंपनी पहले ही पैसे दे देती है. इसके बाद, दान करने वालों को सैंपल को ड्राय आइस के साथ पैक करके भेजना होता है. ह्यूमन माइक्रोब्स कंपनी इस बात की गारंटी भी देती है कि आपके डोनेशन की जानकारी गुप्त रहेगी.