Medals For Having More Children: भारत और चीन जैसे दक्षिण एशियाई देशों में आबादी इतनी तेजी से बढ़ रही है कि यहां फैमिली प्लानिंग पर जोर दिया जाता है. प्रशासन इस बात का प्रचार करता है कि 'कम बच्चे कितने अच्छे,'  हालांकि इसके बावजूद इस तरह के कैंपेन का ज्यादा असर देखने को नहीं मिलता. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा मुल्क भी है जहां उल्टी गंगा बहती है.


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कजाकिस्तान में ज्यादा बच्चे पैदा करने का इनाम


सेंट्रल एशियन कंट्री कजाकिस्तान (Kazakhstan) लंबे समय से सोवियत परंपरा चली आ रही है जहां उन 'हीरो मदर्स' को मेडल्स से सम्मानित किया जाता है जिनका परिवार काफी बड़ा परिवार है. वैसे तो दुनिया के कई ऐसे कम आबादी वाले देश हैं जहां के नागरिकों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, लेकिन कजाकिस्तान इस मामले में कई कदम आगे निकल चुका है


गोल्ड और सिल्वर मेडल मिलता है


कजाकिस्तान में महिलाओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने और हाई बर्थ रेट के लिए सरकार की तरफ से इनाम में मेडल मिलता है. जो मां 7 बच्चों को जन्म देती हैं उन्हें गोल्ड मेडल मिलता है और 6 बच्चे पैदा करने पर सिल्वर मेडल दिया जाता है. मेडल पाने वाली महिलाओं को जिंदगीभर के लिए अलाउंस मिलता है. वहीं 4 या इससे ज्यादा बच्चों वाली महिलाओं को मेडल तो नहीं मिलता, लेकिन बच्चों के 21 साल होने तक फाइनेंशियल सपोर्ट जरूर दिया जाता है.
 



सोवियत रूस के जमाने से है परंपरा


कजाकिस्तान (Kazakhstan) किसी जमाने में सोवियत संघ (Soviet Union) का हिस्सा था, लेकिन 1992 में ये एक नया देश बन गया. हालांकि साल 1944 से ही रूस में ये परंपरा चली आ रही है जब 10 या ज्यादा बच्चे पैदा करने वाली 'मदर हीरोइन' को सम्मान दिया जाता था.


'सरकार आबादी बढ़ाना चाहती है'


कजाकिस्तान के डिपार्टमेंट ऑफ लेबर एंड सोशल प्रोग्राम (Kazakhstan’s Department of Labour and Social Programmes) की अक्साना एल्युसेज़ोवा (Aksana Eleusezova) ने बीबीसी को बताया था, "हमारे सरकार की पॉलिसी है कि देश में ज्यादा बच्चा पैदा हों. हर कोई हमेशा इस बारे में बात करता है कि ज्यादा बच्चे पैदा करें, अपनी जनसंख्या बढ़ाएं."


घनी आबादी नहीं है


कजाकिस्तान का लैंड एरिया 2,724,900 स्वॉयर किलोमीटर का है, वहीं इसकी आबादी महज 2 करोड़ 75 हजार के करीब है, इस हिसाब से पॉपुलेशन डेंसिटी सिर्फ 7 प्रति वर्ग किलोमीटर है. इसका फायदा भी देखने को मिला और यहां की फर्टिलिटी रेट 3.32 बच्चे प्रति महिला तक पहुंच गई.