कौन हैं स्वामी नतेशानंद सरस्वती? ओलंपिक में भारत के लिए बास्केटबाल खेलने वाला प्लेयर अब बन गया संन्यासी
Indian Basketball Player Amarnath Nagarajan: अमरनाथ नागराजन अब कोयंबटूर में रहते हैं और एक संन्यासी बन चुके हैं. अब उन्हें स्वामी नतेशानंद सरस्वती के नाम से जाना जाता है.
Swami Nateshananda Saraswati: क्या आपने अमरनाथ नागराजन का नाम सुना है? अगर नहीं तो अब से आपको हमेशा-हमेशा के लिए कंथस्थ हो जाएगा. उनके माता-पिता ने उनका नाम महान क्रिकेटर लाला अमरनाथ के नाम पर रखा था और अमरनाथ नागराजन स्कूल में एक अच्छे बल्लेबाज और एक बेहतरीन ऑफ स्पिनर थे. तमिलनाडु के थेनी जिले के पेरियाकुलम के रहने वाले इस युवा खिलाड़ी को हॉकी और एथलेटिक्स में भी महारत हासिल थी. लेकिन 16 साल की उम्र में, जब उन्होंने बास्केटबॉल खेलना शुरू किया, तो बाकी सभी खेल पीछे छूट गए और पूर्व भारतीय कप्तान अमरनाथ लाला की तरह देश को बास्केटबॉल में आगे ले गए.
वह 1980 के मास्को ओलंपिक में खेलने वाली ऐतिहासिक भारतीय टीम का भी हिस्सा थे, यह एकमात्र मौका था जब भारतीय बास्केटबॉल टीम ने समर गेम्स में भाग लिया था. 1982 के एशियाई खेलों के पूर्व भारतीय कप्तान अमरनाथ ने द हिंदू संग बातचीत की.
उन्होंने अपने टाइम को याद करते हुए एक किस्सा शेयर किया. उन्होंने कहा, "हमें से मास्को में खेलने का मौका मिला. हालाँकि भारत 1979 के एशिया कप (ओलंपिक क्वालीफिकेशन इवेंट) में पांचवां स्थान पर रहा, लेकिन हमसे आगे रहने वाली चार टीमों ने अमेरिका के नेतृत्व में ओलंपिक बहिष्कार में शामिल हो गईं और अचानक, हम मास्को के लिए क्वालीफाई कर गए. हम जानते थे कि हम अन्य टीमों के आसपास भी नहीं थे, लेकिन हमने उस अनुभव का भरपूर आनंद लिया."
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह अब कोयंबटूर में रहते हैं और एक संन्यासी बन चुके हैं. अब उन्हें स्वामी नतेशनंद सरस्वती के नाम से जाना जाता है. अमरनाथ टीम रिबाउंड के बास्केटबॉल खिलाड़ियों के पुनर्मिलन समारोह में मुख्य अतिथि थे.
भारत ग्रुप स्टेज समेत ओलंपिक में अपने सभी सात मैच हार गया, लेकिन अमरनाथ ने मास्को में कुछ दिग्गज खिलाड़ियों के खिलाफ खेला. इनमें ब्राजील के ऑस्कर श्मिट, ओलंपिक इतिहास के 1000 से अधिक अंकों के साथ सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले खिलाड़ी और यूएसएसआर के सर्गेई बेलोव शामिल थे, जिन्होंने चार ओलंपिक पदक जीते और मास्को में ओलंपिक मशाल जलाई.
70 वर्षीय अमरनाथ ने कहा, "हमने 60,000 दर्शकों वाली स्टेडियम में खेला, यह ईडन गार्डन में खेलने जैसा था लेकिन अंदर... बस कल्पना कीजिए कैसा होगा. चाहे आप कद, गति या कौशल को देखें, हम किसी भी टीम के लिए टक्कर नहीं थे. 12 टीमों वाले उस इवेंट में भारत बिना किसी जीत के अंतिम स्थान पर रहा." भारत को ओलंपिक में बास्केटबाल खेले 44 साल हो चुके हैं. अमरनाथ ने कहा, "ओलंपिक शीर्ष 12 टीमों के लिए है. उस समय हमारी विश्व रैंकिंग 50 से ऊपर थी, अब हम 82वें स्थान पर हैं. फिलहाल, सुधार के लिए बहुत सारी प्लानिंग बनाई जा रही हैं."
दस साल पहले अमरनाथ भारतीय स्टेट बैंक से सहायक महाप्रबंधक के पद से रिटायर हुए और 2019 में, उनकी पत्नी की मृत्यु के लगभग एक साल बाद उन्होंने कई धार्मिक पुस्तकें पढ़ने के बाद संन्यासी बन गए.