जापान में क्या करने गए हैं PAK विदेश मंत्री भुट्टो, लाहौर से लेकर कराची तक हो रही ये चर्चा
Bilawal Bhutto Jardari Japan Visit: पाकिस्तान का हाल बेहाल है. आईएमएफ से बेलआउट पैकेज पर डील होने के बाद अब अपने संबंधों को सुधारने और बहुत सारी उम्मीदें लेकर बिलावल भुट्टो जरदारी जापान पहुंचे हैं.
Pakistan News: आर्थिक मोर्चे पर भारी नाकामी और घरेलू स्तर पर कई चुनौतियों से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Jardari) पाकिस्तान और जापान के बीच संबंधों (Pakistan Japan Relations) को मजबूत करने के लिए चार दिन के जापान दौरे पर टोक्यो पहुंचे हैं. चार जुलाई तक जापान की इस यात्रा के दौरान माना जा रहा है कि पाकिस्तान अपने सदाबहार मित्र चीन (China) तथा उसके धुर विरोधी जापान के साथ संतुलन (China Japan Tension) बनाने की कोशिशों को आगे बढ़ा सकता है.
जापान से मदद की आस!
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय कि यात्रा के दौरान बिलावल प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा से मुलाकात करेंगे साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ताकिओ अकीबा के साथ भी बैठक करेंगे. विदेश कार्यालय ने अपने हालिया बयान में कहा है कि विदेश मंत्री की यात्रा लंबे अंतराल के बाद जापान के साथ नेतृत्व स्तरीय संबंधों में जान फूकने की कवायद के संकेत देती है.
इसमें कहा गया कि बिलावल जापान के विदेश मंत्री येशिमासा हयाशी के साथ प्रतिनिधि स्तरीय बातचीत करेंगे. वह ‘एशियन डेवलपमेंट बैंक इंस्टीट्यूट’ में व्याख्यान भी देंगे. उनके प्रमुख कारोबारी घरानों के वरिष्ठ अधिकरियों से भी मुलाकात का कार्यक्रम है.
गौरतलब है कि जापान के पाकिस्तान के साथ पुराने संबंध हैं और उसने देश को आर्थिक सहायता भी दी है. लेकिन हाल के वर्षों में जापान के संबंध भारत के साथ तेजी से बढ़े हैं वहीं पाकिस्तान ने चीन के साथ संबंध प्रगाढ़ किए हैं. माना जा रहा है कि बिलावल की यह यात्रा चीन और जापान के साथ संबंधों को संतुलित करने के लिए है.
चीन-जापान के बीच मध्यस्थ बनेंगे?
चीन और जापान का विवाद बहुत पुराना है. समुद्री सीमा और द्वीपों को लेकर दोनों अक्सर आमने सामने रहते हैं. भुट्टो की इस यात्रा की पाकिस्तान में खूब चर्चा हो रही है. लाहौर (Lahore) से लेकर कराची तक इसका जिक्र हो रहा है. लोग अपने अपने हिसाब से इस दौरे के मायने निकाल रहे हैं. कुछ इसे जापान से आर्थिक मदद मिलने की उम्मीद से जोड़ कर देख रहे हैं. तो कुछ का कहना है कि चीन-जापान के रिश्तों में अगर सुधार आया तो इसका फायदा भी आगे पाकिस्तान को मिल सकता है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)