BRICS Pakistan: दुनिया की अग्रणी उभरती अर्थव्यवस्था ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह यानी ब्रिक्स (BRICS) का हाल ही में विस्तार हुआ है. इस समूह में 40 से ज्यादा देशों ने शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी. लेकिन अंतिम निर्णय के बाद सिर्फ 6 देशों को इसमें शामिल किया गया. चीन चाहता था कि पाकिस्तान को भी इस समूह में शामिल किया जाए. लेकिन उसकी ये चाहत धरी की धरी रह गई. पाकिस्तान को इस समूह में एंट्री नहीं मिली. शी जिनपिंग का प्रयास काम नहीं आया. आइये आपको बताते हैं पाकिस्तान की इस समूह में एंट्री न होने के पीछे सबसे बड़ा कारण क्या रहा.


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ब्रिक्स में पाकिस्तान को शामिल करने के चीन के प्रस्ताव को भारत के विरोध का सामना करना पड़ा. भारत ने पाकिस्तान को ब्रिक्स का सदस्य बनाने का खुलकर विरोध किया. भारत का मानना था पाकिस्तान को इस समूह में शामिल करना, इस गठबंधन के मूल उद्देश्यों और इसके मौजूदा सदस्यों के बीच बनी आम सहमति को कमजोर कर सकता है. इसी तरह जब बेलारूस ने औपचारिक रूप से ब्रिक्स समूह में प्रवेश की मांग की तब भी भारत ने लगातार ऐसे विस्तार का विरोध किया.


बता दें कि पाकिस्तान ने अर्जेंटीना, तुर्की और सऊदी अरब जैसे अन्य देशों के साथ ब्रिक्स में शामिल होने में अपनी रुचि व्यक्त की थी. पाकिस्तान की इस इच्छा को इस वर्ष के अंत में दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चर्चा के लिए निर्धारित किया गया था. ब्रिक्स सम्मेल में तमाम विषयों पर चर्चा के साथ इसके विस्तार पर गहनता से चर्चा हुई और 6 देशों के समूह में शामिल किया गया लेकिन पाकिस्तान को नहीं.



दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में बीती 22 अगस्त को तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स गठबंधन के ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख नेता शामिल हुए. शीर्ष उभरती अर्थव्यवस्थाओं के ब्रिक्स ब्लॉक ने अपनी पहुंच और प्रभाव का विस्तार करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए छह और देशों को नए सदस्यों के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया. अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को अगले साल 1 जनवरी से पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है.



ब्रिक्स द्वारा छह देशों को निमंत्रण देने और इस्लामाबाद को नजरअंदाज करने के बाद पाकिस्तान ने उपेक्षा को कम करने का प्रयास किया और कहा कि उसने इस समूह का हिस्सा बनने के लिए कोई औपचारिक अनुरोध नहीं किया था. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने शुक्रवार (25 अगस्त) को कहा कि उनका देश ब्रिक्स के साथ भविष्य के संबंधों की जांच करेगा और निर्णय लेगा.