China का क्रूर चेहरा उजागर: Re-education Camps में वीगर महिलाओं से होता है Rape, हर रोज दी जाती हैं यातनाएं
चीन के चंगुल से निकलकर अमेरिका पहुंची महिला ने बताया कि शिनजियांग प्राप्त के शिविरों में महिलाओं को जेलनुमा सेल में रखा जाता है. हर रात उन्हें सेल से बाहर निकाला जाता है और नकाबपोश चीनी पुरुष उनका बलात्कार करते हैं. बलात्कार करने वालों की संख्या एक से ज्यादा होती है.
बीजिंग: चीन (China) में वीगर (Uighurs) मुसलमानों पर होने वाले अत्याचार को लेकर एक और खुलासा हुआ है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन द्वारा चलाए जा रहे री-एजुकेशन कैम्पों (Re-education Camps) में वीगर महिलाओं के साथ बलात्कार (Rape) किया जाता है. उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है और यदि कोई आवाज उठाने की कोशिश करता है, तो उसे हमेशा के लिए खामोश कर दिया जाता है. चीन के शिनजियांग प्राप्त में (Xinjiang Region) ऐसे कई शिविर हैं, जहां वीगर मुस्लिमों को जबरन कैद करके रखा गया है.
China खारिज करता रहा है आरोप
चीन (China) की क्रूरता और हैवानियत का खुलासा BBC ने अपनी रिपोर्ट में किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शिनजियांग प्रांत (Xinjiang Region) में कम्युनिस्ट सरकार द्वारा वीगर (Uighurs) मुसलमानों को चीनी संस्कृति के अनुसार शिक्षित करने के लिए चलाए जा रहे री-एजुकेशन शिविरों में महिलाओं का यौन शोषण होता है. महिला बंदियों ने शोषण की जो कहानी बयां की है, उसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाएगी. हालांकि, ये बात अलग है कि चीन शुरुआत से शोषण के आरोपों को खारिज करता रहा है.
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US पहुंची महिला ने सुनाई आपबीती
रिपोर्ट में चीन से निकलकर किसी तरह अमेरिका पहुंचने वालीं Tursunay Ziawudun का जिक्र किया गया है. Ziawudun के मुताबिक, शिविरों में महिलाओं को जेलनुमा सेल में रखा जाता है. हर रात उन्हें सेल से बाहर निकाला जाता है और नकाबपोश चीनी पुरुष उनका बलात्कार करते हैं. बलात्कार करने वालों की संख्या एक से ज्यादा होती है. Ziawudun को खुद भी कई बार प्रताड़ना का सामना करना पड़ा था. उनके साथ गैंगरेप भी हुआ था.
Camps में रहते हैं इतने कैदी
हालांकि, Tursunay Ziawudun के दावे की सच्चाई का पता लगाना मुश्किल है, क्योंकि शिविरों के अंदर की सही जानकारी किसी के पास नहीं है. लेकिन Ziawudun ने BBC को जो इमिग्रेशन डॉक्यूमेंट प्रदान कराए हैं, वो उनके दावे को मजबूती प्रदान करते हैं. माना जाता है कि इन शिविरों में एक मिलियन से अधिक महिला-पुरुषों को हिरासत में रखा गया है. हालांकि, चीन का कहना है कि ये शिविर वीगर और अन्य अल्पसंख्यकों को पुन: शिक्षित करने के लिए बनाए गए हैं.
Jinping ने दिया था आदेश
मानवाधिकार संगठन आरोप लगाते रहे हैं कि चीनी सरकार ने धीरे-धीरे वीगर मुसमलानों की सभी प्रकार की स्वतंत्रता छीन ली है. सरकार अल्पसंख्यकों को खत्म करना चाहती है और इसलिए वीगर मुस्लिमों की जबरन नसबंदी और गर्भपात कराया जाता है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वीगर मुस्लिमों को जबरन शिविरों में रखने का आदेश राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने 2014 में दिया था. दरअसल, जिनपिंग वीगर अलगाववादियों द्वारा किए गए आतंकी हमले के बाद शिनजियांग दौरे पर गए थे, उसी दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि सभी मुस्लिमों को शिविरों में रखा जाए और उन पर कोई दया न दिखाई जाए.
अब क्या होगा America का रुख?
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वीगर मुसलमानों के शोषण को लेकर चीन के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए थे. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि चीन की सरकार को अल्पसंख्यकों के नरसंहार को रोकना होगा. हालांकि, सत्ता परिवर्तन के बाद अमेरिका का इस मुद्दे पर क्या रुख रहता है ये देखने वाली बात होगी. वैसे, अनगिनत अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में यह बात सामने आ चुकी है कि चीन बड़े पैमाने पर वीगर मुस्लिमों का शोषण कर रहा है. शिविर में उन्हें हर रोज तरह-तरह की यातनाओं से गुजरना पड़ता है.