चांद पर उतरा चीन का यान, साथ लेकर आएगा मिट्टी के नमूने; कई रहस्यों से उठेगा पर्दा
चीन (China) के इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से मिट्टी के नमूनों को धरती पर लेकर आना है, ताकि वैज्ञानिकों को चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में जानने में मदद मिल सके. इस मिशन को 2017 में शुरू होना था, लेकिन तकनीकी खराबी के चलते आगे बढ़ा दिया गया था.
बीजिंग: दुनिया को कोरोना (CoronaVirus) संकट में धकेलने वाले चीन (China) का अंतरिक्षयान चांग ई-5 (Chang'e-5) सफलतापूर्वक चंद्रमा (Moon) की सतह पर उतर गया है. चीन ने सबसे शक्तिशाली रॉकेट लॉन्ग मार्च-5 (Long March 5) के जरिए 24 नवंबर को इसे लॉन्च किया था. इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से मिट्टी के नमूनों को धरती पर लेकर आना है, ताकि वैज्ञानिकों को चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में जानने में मदद मिल सके.
US, Russia के बाद अब चीन
लगभग 50 साल बाद चंद्रमा (Moon) की सतह पर ऐसा कोई अंतरिक्ष यान उतरा है, जो वहां से मिट्टी के नमूने लेकर वापस लौटेगा. इससे पहले अमेरिका और सोवियत संघ ने ऐसा किया था. चीन (China) का यह स्पेसक्राफ्ट अपने साथ 2 किलोग्राम मिट्टी लेकर वापस आएगा. चीनी मीडिया ने जानकारी देते हुए बताया है कि अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर पूर्व निर्धारित जगह के बिलकुल पास उतरा है.
यह भी पढ़ें -चांद पर होने वाली है Car Racing, वैज्ञानिक नहीं छात्र दौड़ाएंगे कार
पहले आई थी खराबी
इस मिशन को 2017 में शुरू होना था, लेकिन लॉन्ग मार्च 5 के इंजन की खराबी के कारण लॉन्च की तारीख को आगे बढ़ाया गया. रोबोटिक आर्म्स की मदद से चांद की धरती की खुदाई की जाएगी. इसके बाद मुख्य अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह के नमूने को एक कैप्सूल में रखेगा और उसे फिर पृथ्वी के लिए रवाना कर देगा. इस पूरे मिशन में कम से कम 23 दिन का समय लग सकता है.
चीन के लिए बेहद अहम है Mission
यदि चीन का यह मिशन सफल हो जाता है, तो चंद्रमा के बारे में कई नई बातें पता चल सकेंगी. चीन के अंतरिक्ष यान को चांद तक पहुंचाने के लिए जिस लॉन्ग मार्च-5 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है वो तरल केरोसिन और तरल ऑक्सीजन की मदद से चलता है. यह महाशक्तिशाली रॉकेट 187 फुट लंबा और 870 टन वजनी है. मिशन Chang'e-5 का नाम चीनी देवी के नाम पर रखा है. यह चीन के लिए बेहद महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसकी सफलता उसके लिए काफी मायने रखती है.