China की अर्थव्यवस्था बर्बादी के कगार पर पहुंच गई? `हर जगह खाली पड़े घर, ये वादा भी न पूरा कर पाए जिनपिंग`
Empty houses everywhere China: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) का यह मंत्र कि घर रहने के लिए होना चाहिए, कोई अनसुना कर रहा है. क्योंकि देश भर में लाखों अपार्टमेंट और इस तरह से करोड़ों घर खाली पड़े हैं.
Ghost cities: 50 million homes in China are empty: चीन की गिनती विकसित देशों में होती है. वो दुनिया की टॉप 3 अर्थव्यवस्था वाला देश है. लेकिन वहां भी करोड़ों लोगों के सपने अधूरे हैं. ऐसे लोगों की आंखों में आंसू है, जिनके पास नौकरी या कोई काम-धंधा नहीं है, खाने के लिए राशन नहीं है और रहने के लिए घर भी नहीं है. वो भी तब जब चीन में करोड़ों रेडी टू मूव फ्लैट खाली पड़े हैं. यानी साफ है कि बीजिंग की जड़ों में लंबे समय से जमे बैठे और राज कर रहे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के चुनावी वादे भी एशियाई और अन्य महाद्वीपीय देशों की तरह अधूरे हैं. आखिर कहां गड़बड़ हो रही है, ये घर लंबे समय से खाली क्यों पड़े हैं? आइए ऐसे हर सवाल का जवाब आपको देते हैं.
रियल एस्टेट सेक्टर में छाई मंदी
कर्ज में डूबने की वजह से 2021 में जब चीन की दिग्गज रियल एस्टेट कंपनी चाइना एवरग्रांडे ग्रुप डिफाल्टर घोषित हुई, उसके बाद से प्रापर्टी सेक्टर में भारी गिरावट देखी गई है. चीनी रियल स्टेट सेक्टर करीब पांच साल से मंदी जैसे हालातों का सामना कर रह है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब एक पूर्व चीनी अधिकारी ने शी जिनपिंग सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि 140 करोड़ से ज्यादा आबादी वाला देश होने के बावजूद, चीन के खाली पड़े घरों को अभी कर भरा नहीं जा सका है.
(30 अगस्त, 2023 को ली गई ये एरियल फोटो चीन के मध्य हेनान प्रांत में चीनी रियल एस्टेट डेवलपर वेंके द्वारा निर्मित एक आवासीय परिसर की है. ऐसे लाखों फ्लैट खाली पड़े हैं.)
'करोड़ों फ्लैट खाली पड़े हैं'
NBS के पूर्व सीनियर ऑफिसर हे केंग ने कहा, 'अब कितने खाली घर हैं? इस सवाल के जवाब में हर एक्सपर्ट एक बहुत अलग आंकड़ा देता है. सबसे ज्यादा अतिश्योक्ति रखने वाले लोगों का मानना है कि चीन में खाली पड़े घरों की वर्तमान संख्या करीब 3 अरब लोगों के रहने के लिए पर्याप्त है.'
चीन की आधिकारिक मीडिया चाइना न्यूज सर्विस द्वारा जारी एक वीडियो के अनुसार, केंग ने दक्षिणी चीनी शहर डोंगगुआन में एक मंच पर कहा था कि अपने देश में इतने घर खाली हैं कि करीब डेढ़ अरब लोग भी इन्हें नहीं भर सकते हैं. इससे पहले, बीजिंग के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने जोर देकर कहा था कि चीनी अर्थव्यवस्था 'लचीली' है. वह ऐसा लंबा इंतजार सह सकती है.
बर्बादी की ओर बढ़ी चीन की अर्थव्यवस्था?
इस सवाल के जवाब को लेकर हाल ही में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा गया था कि चीन की अर्थव्यवस्था के पतन की भविष्यवाणी करने वाली सभी प्रकार की टिप्पणियां समय-समय पर सामने आती रहती हैं, लेकिन इसमें परेशानी की कोई बात नहीं है, क्योंकि चीन की अर्थव्यवस्था को कोई खतरा नहीं है.
इन वजहों से खाली पड़े हैं घर
राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2023 के अंत में बिना बिके घरों का संयुक्त फर्श क्षेत्र 648 मिलियन वर्ग मीटर था. वहीं न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक करोड़ों घर खाली पड़े हैं. वो भी तब जब कई आवासीय परियोजनाएं पहले ही बेची जा चुकी हैं. यानी प्रोजेक्ट कंप्लीट हो चुके हैं लेकिन बाजार में कैश के संकट यानी नकदी प्रवाह की समस्याओं के कारण अभी तक इन्हें भरा नहीं जा सका है.
चीन कोरोना महामारी के दंश से अभी पूरी तरह नहीं उबर पाया है. बेरोजगारी दर चरम पर है. करोड़ों युवाओं के पास नौकरी नहीं है. एजुकेशन और रियल स्टेट जैसे कई सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हैं. लोगों के पास पैसा नहीं है कि वो अपना जीवन स्तर सही से चला सकें. ऐसे में खाली पड़े घरों को खरीदने में लोगों की कोई दिलचस्पी नहीं दिख रही है. वहीं दबी जुबान से कुछ लोग घरों के खाली होने को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नाकामी बता रहे हैं.