इस्लामाबाद: आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan Prime Minister Imran Khan) ने आखिरकार सच्चाई स्वीकार कर ली है. इमरान ने मान लिया है कि मौजूदा वक्त में मुल्क के सामने पेट भरने का भी संकट है. गुरुवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि खाद्य सुरक्षा (Food Security) पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चुनौती है और लोगों को खाने की कमी से बचाने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है.


Pak के 40% Kids कुपोषित 


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पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने मुल्क में बच्चों के तेजी से कुपोषित होने की बात भी स्वीकारी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में 40 फीसदी बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. इस्लामाबाद में किसानों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि खाद्य सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा है और इस दिशा में काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुल्क के सामने कई नई चुनौतियां हैं और सबसे बड़ी चुनौती है खाद्य सुरक्षा.


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नहीं मिल पाता पौष्टिक Food  


इमरान खान ने यह भी कहा कि तेजी से बढ़ती आबादी की जरूरत को पूरा करने के लिए तैयारी रहने की आवश्यकता है. PM खान ने कहा कि पौष्टिक आहार नहीं मिलने की वजह से 40 फीसदी बच्चों का कद नहीं बढ़ पाता है और ना ही उनका दिमाग विकसित हो पाता है. खाद्य सुरक्षा को राष्ट्र सुरक्षा बताते हुए PM ने कहा कि शुद्ध दूध की उपलब्धता भी बच्चों के विकास में एक अहम मुद्दा है.


क्या खुद को सजा देंगे PM?


पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि देश ऐसा ही रहा, जैसा अभी है तो खाद्य सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन जाएगा. अगर कोई देश अपने लोगों को अच्छा भोजन नहीं दे सकता है तो वह कभी आगे नहीं बढ़ सकता. उन्होंने यहां तक कहा कि जो देश अपनी जनता को पर्याप्त खाना ना दे सके उसे सजा देनी चाहिए. अब यहां गौर करने वाली बात ये है कि पाकिस्तान के लोगों को खाने के भी लाले पड़ रहे हैं, यानी उनका पेट भर पाने में इमरान सरकार नाकाम है, तो क्या वह खुद को सजा देंगे?