India-China Controversy: भारत चीन सीमा पर कब-कब हुआ टकराव? जानें इस मुद्दे से जुड़ा पूरा इतिहास
India-China Relationships: भारत चीन मामला एक ऐसा मुद्दा है जिसे समझने के लिए हमें इसके इतिहास की परतों को खंगालना पड़ेगा. 1962 में शुरू हुए युद्ध (War) से लेकर 2020 में हुए हिंसक टकराव तक, दोनों देशों के बीच बहुत कुछ हुआ.
India-China Disputes: आज बहुत से देशों ने चीन से दूरी बना ली है और उसका कारण है चीन का स्वभाव. इसी स्वभाव की वजह से भारत और चीन के बीच के रिश्ते (Relationships) में भरोसे की कमी आने लगी. भारत ने चीन को कई मौके दिए लेकिन हर बार चीन ने धोखेबाजी का ही परिचय दिया.
पहली बार कब हुआ था युद्ध?
1962 में जब भारत युद्ध के लिए तैयार नहीं था, उस समय भी भारतीय सैनिकों ने चीन (China) के खिलाफ आखिरी सांस तक मुकाबला किया था. हालांकि इस युद्ध में चीन ने बाजी जरूर मारी थी लेकिन भारतीय सेना (Indian Army) के बहादुर जवानों की वजह से चीनी सेना के इस युद्ध में पसीने छूट गए थे.
चीन को बुरी तरह हराया
भारत ने 5 साल जुटकर 1967 में खुद को और मजबूत किया और चीन से अपनी शिकस्त का बदला लिया. 1967 में नाथू ला पास में हुई भारत चीन की लड़ाई आज भी चीन के लिए अच्छा सबक है. इस युद्ध में चीन की घुसपैठ और नाक घुसाने की आदत को न केवल चेतावनी (Warning) मिली बल्कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना को अपनी मिट्टी से पीछे धक्के मारकर निकाल दिया था.
बाज नहीं आया चीन
1975 में अरुणाचल प्रदेश में असम राइफल्स (Assam Rifles) के जवानों पर चीनी सेना ने हमला कर दिया. इस हमले में भारत के चार जवान शहीद हुए. भारत सरकार (Indian Government) की तरफ से दावा किया गया कि चीन ने LAC क्रॉस कर अटैक किया. अड़ियल चीन ने इस दावे को नकार दिया और कहा कि भारत ने LAC क्रॉस कर हमला किया और चीन ने जवाबी कार्रवाई की.
ऑपरेशन फाल्कन के बाद क्या हुआ?
1987 में भी चीन ने घुसपैठ कर समदोरांग चू के भारतीय इलाके में अपने तंबू गाड़ दिए. इस दौरान भारत ने फाल्कन (Falcon) नाम का एक ऑपरेशन जारी किया और जवानों को ऐसे इलाकों में तैनात किया गया जहां से चीनी सेना (Chinese Army) की हर मूवमेंट पर नजर बनाई जा सके. इसके बाद बिना हिंसा के दोनों देशों के बीच बातचीत हुई और मामला ठंडा पड़ गया.
भारत ने सिखाया सबक
आपको भी चीन के लड़ाकू स्वभाव के बारे में अंदाजा होगा. 2020 में चीनी सेना ने भारतीय सैनिकों पर हमला (Attack) कर दिया. लेकिन चीन की ये हरकत इस बार उसे काफी महंगी पड़ी. भारत ने न केवल चीन को सीमा (Border) पर घेरा बल्कि देश के साथ व्यापार बंद करके अच्छा सबक सिखाया. आर्थिक चोट और भारत को दूसरे देशों से मिला साथ, दोनों ने चीन की अकल ठिकाने लगा दी.
चीन का फर्जी बर्ताव!
भारत चीन के बीच विवाद (Dispute) बढ़ने का कारण चीन का फर्जी बर्ताव है. ये सभी घटनाएं भारत को ठोस वजह देती हैं कि चीन पर भरोसा न किया जाए और ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाए. भारत के अपने फैसले पर टिके रहने की वजह से ही इस साल चीनी सेना को हार माननी पड़ी और सीमा से पीछे हटना पड़ा. हर बार की तरह इस बार भी भारत (India) ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया.
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