Terrorist Rising Again in Pakistan: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान एक साथ कई मुसीबतों से घिरा हुआ है. वहां के लोग पहले ही महंगाई, बेरोजगारी और देश की बदहाल अर्थव्यवस्था से परेशान थे. इसके बाद बाढ़ ने बाकी बची उम्मीदें भी बहा दीं और समस्या पहले से अधिक बढ़ गई है. वहीं इस आपदा को आतंकी संगठन अवसर में बदलने लगे हैं. वे मदद के नाम पर लोगों का ब्रेन वॉश कर रहे हैं और अपने साथ जोड़ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा समेत कई आतंकी संगठन मदद के नाम पर लोगों को आतंकी गतिविधि में शामिल कर रहे हैं.


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हाफिज सईद का बेटा संभाल रहा कमान


साउथ एशिया प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अलग-अलग बाढ़ प्रभावित इलाकों में पीड़ितों की मदद करने के नाम पर आतंकी संगठन फिर से पाकिस्तान में खुद को खड़ा कर रहे हैं. इस बार वह नया नाम लेकर खुद को बढ़ा रहे हैं ताकि किसी को शक न हो. रिपोर्ट के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा अब अल्लाह-हू-अकबर-तहरीक के नाम से खुद को एक्टिव कर रहा है. इसका मुख्य चेहरा हाफिज सईद का बेटा तल्हा सईद है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित बलूचिस्तान, खैबर पख्तून्वाह और सिंध में इसने मदद के नाम पर अपने संगठन के साथ कई लोगों को जोड़ भी लिया है.


काफी पैसा खर्च कर रहा लश्कर-ए-तैयबा


रिपोर्ट की मानें तो लश्कर-ए-तैयबा नाम बदलकर काफी पैसा खर्च कर रहा है. अल्लाह-हू-अकबर-तहरीक के नाम से लोगों की मदद के लिए इसने काफी पैसा खर्च किया है. साउथ एशिया प्रेस की टीम ने कई सारे फोटो व वीडियो जुटाए हैं, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद का बेटा हाफिज तलहा सईद बाढ़ ग्रस्त एरिया में लोगों की मदद करता दिख रहा है.


तीसरी बार बदला है अपना नाम


मालूम हो कि लश्कर-ए-तैयबा को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था. इसके बाद इसने खुद को जमात उद दावा के नाम से खड़ा किया, लेकिन बहुत जल्द इस संगठन को भी बंद कर दिया गया. तो इसने फलाह-ए-इंसानियत के नाम पर संगठन तैयार किया. हालांकि पाकिस्तान की सरकार ने इसे भी बैन कर दिया. अब पता चला है कि इसने एक और नया नाम रखकर खुद को खड़ा करना शुरू किया है. .


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