इस्लामाबाद/लाहौर: पाकिस्तान सरकार (Pakistan Governemt) ने फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित तथा प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लब्बैक (TALP) के खिलाफ दायर सभी मामलों को रद्द करने के लिए संसद में प्रस्ताव पेश करने की घोषणा की है. पाकिस्तान सरकार की कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के साथ लंबी वार्ता के बाद इस बात पर सहमित बनी है.


आतंकवाद के केस वापस होंगे


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पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने वीडियो जारी कर कहा है,‘टीएलपी के साथ लंबी बातचीत और उसके साथ बनी सहमति के तहत फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने पर नेशनल असेंबली में प्रस्ताव पेश किया जाएगा.’ राशिद ने कहा कि टीएलपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज आतंकवाद के आरोपों के सभी मामले वापस लिए जाएंगे. इसके अलावा चौथी अनुसूची से टीएलपी नेताओं के नाम भी हटाये जाएंगे.


पाकिस्तान में किया विरोध प्रदर्शन


फ्रांसीसी राजदूत को निकालना टीएलपी (TALP) की चार प्रमुख मांगों में से एक है. TALP द्वारा देशभर में फ्रांस विरोधी प्रदर्शन किये जाने के बाद पिछले सप्ताह उस पर प्रतिबंध लगाया गया था. सोमवार को नेशनल असेंबली का सत्र 22 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. हालांकि मंत्री के बयान के कुछ ही देर बाद घोषणा की गई कि कार्यक्रम में बदलाव किया गया है और सत्र की बैठक अब 20 अप्रैल को तीन बजे से होगी.


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TALP ने इमरान को दिया था 20 अप्रैल तक का अल्टीमेटम


गृह मंत्री राशिद ने कहा कि टीएलपी ने लाहौर और देश में अन्य स्थानों पर अपने धरने समाप्त करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि पार्टी के साथ आगे बातचीत चलती रहेगी. टीएलपी ने फ्रांस में प्रकाशित पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों को लेकर फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से निष्कासित करने के लिए 20 अप्रैल की समयसीमा दी थी. कार्टूनों के खिलाफ पार्टी ने पिछले साल नवंबर में व्यापक प्रदर्शन शुरू किये थे.


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