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नई दिल्ली: पिछले 7 दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर IIT ने एक मैथमेटिकल स्टडी की है. इस स्टडी के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि मई के पहले हफ्ते में कोरोना वायरस पीक पर होगा और फिर उसकी रफ्तार घटने लगेगी.
कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर की गई इस स्टडी के लिए आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के वैज्ञानिकों ने गणितीय मॉडल सूत्र का इस्तेमाल किया है. वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस अब पीक पकड़ चुका है. 30 अप्रैल आते-आते उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल में भी कोरोना अपने चरम पर होगा और फिर घटने लगेगा.
क्या रैलियों और कुंभ (Kumbh) की वजह से कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ा है? इसके जवाब में आईआईटी के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल का मानना है कि सबसे ज्यादा कोरोना केस फिलहाल महाराष्ट्र और दिल्ली में आ रहे हैं. इन दोनों जगहों पर न रैलियां हुईं और न ही कोई कुंभ हुआ. इसलिए कोरोना वायरस में चढ़ाव की यह वजह नहीं हो सकती.
कहां पहुंचेगा कोरोना का आंकड़ा? इस सवाल के जवाब में आईआईटी की स्टडी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 35000 केस रोजाना आ सकते हैं. दिल्ली में यह संख्या 30000 प्रतिदिन हो सकती है. पश्चिम बंगाल में 11000, राजस्थान में 10000 और बिहार में 9000 प्रतिदिन के हिसाब से कोरोना वायरस केस देखे जा सकते हैं.
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IIT प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल के मुताबिक यह स्टडी गणित विज्ञान के आधार पर की गई है. उन्होंने बताया कि भारत की पीक अप्रैल के अंत और मई के शुरूआत में आएगी. उसके बाद केस कम होंगे. यह ग्राफ उन्होंने पिछले साल फैले संक्रमण को आधार बनाकर तैयार किया है. उनका मानना है कि यह कोरोना वायरस सात दिन तक अधिक प्रभावी रहेगा. देश के जिन राज्यों में कोरोना वायरस ज्यादा घातक है वहां के केस और वायरस का अध्ययन करते हुए डेट के अनुसार ग्राफ तैयार किया है. हर राज्य के लिए अलग-अलग ग्राफ तैयार करते हुए कोरोना का पीक टाइम बताया है.
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