इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) ने जे-10सी फाइटर जेट (J-10C Fighter Jet) को अपनी वायुसेना (Air Force) में शामिल कर लिया है, जिससे उसकी सैन्य ताकत में इजाफा होगा. पाकिस्तान ने लड़ाकू विमानों (Fighter Jets) को चीन (China) से खरीदा है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने चीन जे-10सी फाइटर जेट भारत (India) के लड़ाकू विमान Rafale का मुकाबला करने के लिए खरीदे हैं.


पाकिस्तान की वायुसेना में जे-10सी शामिल


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हालांकि, चीन ने कितने जे-10सी फाइटर जेट पाकिस्तान को उपलब्ध कराए हैं, उस बारे में अभी पता नहीं चल पाया है. जे-10सी फाइटर जेट को वायुसेना में शामिल करने के मौके पर शुक्रवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पंजाब के एटोक जिला स्थित पाकिस्तान वायुसेना अड्डा मिनहास कामरा में एक समारोह को संबोधित किया.


क्षेत्र में असंतुलन पैदा करने की कोशिश


इमरान खान ने फ्रांस से भारत के Rafale लड़ाकू विमान खरीदने की ओर बिना नाम लिए इशारा करते हुए कहा, ‘दुर्भाग्य से, क्षेत्र में एक असंतुलन पैदा करने की कोशिशें की जा रही हैं और इसका समाधान करने के लिए आज हमारी रक्षा प्रणाली में एक बड़ा इजाफा किया गया है.’


ये भी पढ़ें- रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पति से दूर हुई भारत की गोरी बहू, मोदी सरकार से लगाई गुहार


चीन ने 8 महीने में तैयार किए लड़ाकू विमान


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने करीब 40 साल बाद इसे पाकिस्तान के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया, जब अमेरिका द्वारा उपलब्ध कराए गए एफ-16 लड़ाकू विमानों को पाकिस्तानी वायुसेना में शामिल किया गया था. उन्होंने करीब आठ महीने के कम समय में विमान उपलब्ध कराने को लेकर चीन का शुक्रिया भी अदा किया, जबकि आधुनिक लड़ाकू विमान हासिल करने में कई साल लग जाते हैं.


इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान की ओर आक्रामक ढंग से बढ़ने से पहले किसी भी देश को दो बार सोचना पड़ेगा. सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.


ये भी पढ़ें- रूसी हमले के बीच जंगल में सैर करने गया था यूक्रेनी किसान, बाहर निकलते ही बना अरबपति


पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने कहा कि जे-10सी को वायुसेना में शामिल करने से बल की पेशेवर क्षमता और बढ़ेगी. जे-10सी 4.5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है और ये चीन-पाक द्वारा संयुक्त रूप से विकसित हल्के लड़ाकू विमान जेएफ-17 से कहीं अधिक शक्तिशाली है, जिसे अभी पाकिस्तान इस्तेमाल कर रहा है.


(इनपुट- भाषा)