Dissolution of National Assembly: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने संसद के निचले सदन ‘नेशनल असेंबली’ को 5 साल का कार्यकाल पूरा होने से 3 दिन पहले ही भंग करने की सिफारिश की. उन्होंने इस संबंध में बुधवार रात राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पत्र भी भेजा, जिस पर राष्ट्रपति ने देर रात अपने साइन कर दिए. इससे पहले पाकिस्तान में कयास लग रहे थे कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार और दो दिन सत्ता में रह सकती थी. वह 11 अगस्त को संसद भंग करना चाहती थी. हालांकि एक बड़े डर की वजह से उसे यह फैसला जल्दी लेने को मजबूर होना पड़ा. 


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अल्वी के रुख से डरी हुई थी सरकार


सूत्रों के मुताबिक सत्तारूढ़ पार्टी को डर था कि अगर वह 11 अगस्त को नेशनल असेंबली (Pakistan Latest News) भंग करने की सिफारिश करती है तो समय कम होने का आधार बनाकर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Arif Alvi) निचले सदन को भंग करने के लिए तुरंत अधिसूचना जारी करने से इनकार कर सकते थे. आरिफ अल्वी राष्ट्रपति बनने से पहले जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की पार्टी के पूर्व नेता रहे हैं. ऐसे में सरकार उनके रुख को लेकर डरी हुई थी. 


राष्ट्रपति के पास थे 2 विकल्प


‘जियो न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने बुधवार देर रात राष्ट्रपति अल्वी (Arif Alvi) को नेशनल असेंबली भंग करने के लिए एक पत्र भेजा था, जिससे कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो सके. इसके बाद राष्ट्रपति अलवी के पास 2 विकल्प बचते थे. वे या तो नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए तुरंत अधिसूचना जारी कर सकते थे या इसमें 48 घंटे की देरी कर सकते थे. उन्होंने इसमें से पहला विकल्प चुना और नेशनल असेंबली को भंग करने का आदेश जारी कर दिया.


इमरान खान पर 5 साल के लिए बैन


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल असेंबली समय से पहले भंग होने की सूरत में पाकिस्तान निर्वाचन आयोग 90 दिनों के भीतर चुनाव कराएगा. यदि नेशनल असेंबली ने अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा कर लिया होता, तो चुनाव 60 दिनों के भीतर कराए जाते. इस चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 5 साल तक इलेक्शन लड़ने के लिए बैन कर दिया गया है. 


(एजेंसी भाषा)