Pakistan President: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी आठ सितंबर को अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद भी राष्ट्राध्यक्ष बने सकते हैं. इसकी वजह नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए देश में पर्याप्त निर्वाचक मंडल का नहीं होना है. संविधान के मुताबिक, नए राष्ट्रपति का चुनाव सीनेट, नेशनल असेंबली और सभी प्रांतीय विधानसभाओं के सदस्य करते हैं. पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों की विधानसभाएं पहले से ही भंग हैं जबकि अन्य दो प्रांतों की विधानसभाएं अगले महीने आम चुनाव से पहले भंग हो जाएंगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

‘जियो न्यूज़’ की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान के 13वें राष्ट्रपति अपना कार्यकाल संपन्न होने के बाद भी राष्ट्राध्यक्ष बने रह सकते हैं, क्योंकि नए राष्ट्रपति को चुनने के लिए पर्याप्त निर्वाचक मंडल नहीं होगा.


सितंबर 2018 में राष्ट्रपति बने थे अल्वी
अल्वी (73) ने नौ सितंबर 2018 को शपथ ली थी. उनका पांच साल का कार्यकाल आठ सितंबर को खत्म होगा. राष्ट्रपति बनने से पहले वह इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के वरिष्ठ सदस्य थे.


पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव कार्यकाल समाप्त होने के 30 दिन के भीतर कराना होगा, लेकिन कार्यकाल समाप्ति के दो महीने से पहले चुनाव नहीं हो सकता.


इसमें कहा गया है कि अगर संबंधित अवधि में ‘नेशनल असेंबली’ के भंग होने की वजह से चुनाव न कराया जा सके तो यह असेंबली के आम चुनाव के बाद 30 दिन के अंदर कराया जाना चाहिए. लिहाज़ा, राष्ट्रपति का चुनाव आठ सितंबर से 30 दिन पहले कराना होगा.


नहीं कराया जा सकता राष्ट्रपति चुनाव
‘फ्री एंड फेयर इलेक्शन नेटवर्क’ (एफएएफईएन) में कार्यक्रम उपनिदेशक राशिद चौधरी ने जियो न्यूज़ से कहा कि पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा विधानसभाएं फिलहाल अस्तित्व में नहीं हैं, लिहाज़ा राष्ट्रपति का चुनाव नहीं कराया जा सकता.


वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री के कानून एवं संसदीय मामलों के सलाहकार कुंवर दिलशाद ने कहा कि निर्वाचक मंडल पूर्ण होने के बाद राष्ट्रपति का चुनाव कराया जाएगा.


संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद नए राष्ट्रपति के चुनाव और पदभार संभालने तक पद पर बने रह सकते हैं.लिहाज़ा, अल्वी नए राष्ट्रपति के आने तक राष्ट्राध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे.


पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रमुख साझेदार ‘नेशनल असेंबली’ (संसद) को आठ अगस्त को भंग करने के लिए राज़ी हो गए हैं. मौजूदा ‘नेशनल असेंबली’ का पांच साल का कार्यकाल 12 अगस्त की आधी रात को खत्म हो रहा है.


(इनपुट - न्यूज एजेंसी - भाषा)