पाकिस्तान की एक स्पेशल कोर्ट ने 1600 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif )के बेटे सुलेमान शहबाज और अन्य सभी आरोपियों को बरी कर दिया. ये केस फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) द्वारा दायर किया गया था. सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने शरीफ के बेटे सुलेमान को राहत दी.


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‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार, सुलेमान शाहबाज और अन्य आरोपियों ने स्पेशल कोर्ट के सामने एक याचिका दायर की थी. यहां की विशेष कोर्ट ने सुलेमान और अन्य आरोपियों की बरी करने की याचिकाओं पर अपना आदेश सुनाया. फैसले के समय प्रधानमंत्री के बेटे अपने वकील के साथ कोर्ट में मौजूद थे.


लंदन में चार साल के स्व-निर्वासन के बाद पिछले साल दिसंबर में पाकिस्तान लौटे सुलेमान केवल इस मामले में आरोपी नहीं हैं, बल्कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में भी उनका नाम है. उन्हें दोनों मामलों में भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था.


इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उनके आने से पहले एफआईए और एनएबी दोनों के उन्हें गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी थी. कोर्ट कहा था कि एफआईए या नेशनल एकाउंटबिलिटी ब्यूरो (NAB) सुलेमान को गिरफ्तार नहीं कर सकती है. सुनवाई के दौरान जज ने कहा, 'कहानी नहीं, मुझे स्पष्ट उत्तर चाहिए. नहीं तो FIA के लोगों को जेल भेज दूंगा. इस मामले में क्या सबूत है आपके पास?'


एफआईए ने इस साल जनवरी में सबूतों की कमी का हवाला दिया और चीनी मिल मामले में उन्हें बरी कर दिया था. अभियोजकों ने कहा कि कोई सीधा सबूत नहीं है और सुलेमान को खाता खोलने वाले फॉर्म के आधार पर आरोपी घोषित कर दिया गया था. कोर्ट ने सुनवाई के बाद धनशोधन मामले में सुलेमान समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया. इससे पहले, जनवरी महीने में ही सुलेमान शाहबाज को शुगर मिल केस में भी राहत मिल गई थी. 


(एजेंसी इनपुट)