India-Pak Relations: पाकिस्तान ने नई दिल्ली में 10-12 मार्च को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के मुख्य न्यायाधीशों की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद ने गुरुवार को यह घोषणा की.


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विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने एक बयान में कहा, ‘SCO के सक्रिय सदस्यों में से एक के रूप में, पाकिस्तान नियमित रूप से सभी SCO गतिविधियों में भाग लेता है और उनके परिणामों में रचनात्मक योगदान देता है.‘


बयान में कहा गया, ‘निर्धारित बैठक की तारीखों पर अपनी अपरिहार्य प्रतिबद्धताओं के कारण, पाकिस्तान के माननीय चीफ जस्टिस 10-12 मार्च, 2023 से निर्धारित सर्वोच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की SCO बैठक में भाग नहीं ले पाएंगे. उन्होंने इसकी जानकारी अपने भारतीय समकक्ष को दी है, जो बैठक के वर्तमान अध्यक्ष/मेजबान हैं.‘


इकलौता देश जो बैठक में भाग नहीं लेगा
पाकिस्तान अब एकमात्र देश है जो भारत द्वारा आयोजित SCO मुख्य न्यायाधीश की बैठक में शामिल नहीं होगा. नए सदस्य, ईरान सहित अन्य सभी सदस्य व्यक्तिगत रूप से बैठक में भाग लेंगे.


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पाकिस्तानी मुख्य न्यायाधीश को निमंत्रण दिया, लेकिन इस्लामाबाद ने देश के शीर्ष न्यायाधीश के बारे में अंतिम समय में निर्णय लिया.


SCO का वर्तमान अध्यक्ष है भारत
भारत SCO का वर्तमान अध्यक्ष है, जिसमें चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान भी शामिल हैं. क्षेत्रीय मंच के अध्यक्ष के रूप में, भारत सदस्य देशों के मुख्य न्यायाधीशों की बैठक सहित कई कार्यक्रमों की मेजबानी कर रहा है.


भारत-पाक संबंधों का असर
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि विदेश कार्यालय के बयान में मुख्य न्यायाधीश की अपरिहार्य प्रतिबद्धताओं का हवाला दिया गया है, लेकिन पर्यवेक्षकों का मानना है कि पाकिस्तान और भारत के बीच संबंधों की वर्तमान स्थिति ने इस्लामाबाद के फैसले में एक भूमिका निभाई है.


भारत ने बिलावल को भी दिया निमंत्रण
भारत ने इस साल मई में गोवा में होने वाली SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी को भी आमंत्रित किया है. पाकिस्तान को अभी यह तय करना है कि विदेश मंत्री भाग लेंगे या नहीं.


भारत इस वर्ष SCO शिखर बैठक की मेजबानी भी करेगा. यह देखा जाना बाकी है कि पाकिस्तान मई में अपने विदेश मंत्री को भेजेगा या प्रधानमंत्री बाद में भारत में SCOनेताओं में शामिल होंगे.


पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच संबंध कई वर्षों से अनिश्चित रहे हैं, यहां तक कि इस्लामाबाद किसी भी वार्ता के लिए पूर्व भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग कर रहा है.


(इनपुट - ANI)


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