संयुक्त राष्ट्र: जम्‍मू-कश्‍मीर के मसले पर पाकिस्‍तान को अंतत: चीन का साथ मिला है. चीन के आग्रह पर कश्मीर के घटनाक्रम को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की शुक्रवार को एक बैठक होगी, जिसमें इस मसले पर परिषद के सदस्यों के बीच (क्लोज्ड डोर) में मंत्रणा करेगी. जब पाकिस्‍तान का लेटर लाया गया, उस समय यूएनएससी के 15 सदस्‍य देश मौजूद थे. हालांकि पाकिस्‍तान के लिए ये कोई बहुत उत्‍साहजनक बात नहीं है. शुक्रवार को ये मीटिंग सिक्‍युरिटी काउंसिल के चैंबर में नहीं होगी. ये मीटिंग कंसल्‍टेशन रूम में होगी. ये बैठक भारतीय समयानुसार शाम 7.30 बजे होगी.


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एक राजनयिक ने कहा कि चीन ने एक पत्र में बैठक बुलाने का आग्रह किया. चीन ने बुधवार को परिषद की अनौपचारिक परामर्श के दौरान इस संबंध में आग्रह किया. राजनयिक ने बताया कि बैठक का प्रारूप क्लोज्ड-डोर कंसल्टेशन (समूह के सदस्यों के बीच मंत्रणा) होगा, जिसमें पाकिस्तान का शामिल होना नामुमकिन है. बंद कमरे की बैठक में गुप्त मंत्रणा की जाएगी, जिसका प्रसारण नहीं किया जाएगा. मतलब, संवाददाताओं की उसमें पहुंच नहीं होगी.


राजनयिक ने बताया कि चीन चाहता था कि गुरुवार को ही इस मसले पर विचार-विमर्श हो, लेकिन पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार, इस दिन कोई बैठक नहीं होने वाली थी इसलिए बैठक शुक्रवार को होगी.


राजनयिक ने कहा कि सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष जोआना रोनेका का कार्यालय बैठक को लेकर काम कर रहा था कि कब बैठक का आयोजन किया जाए. भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान ने यूएनएससी से कश्मीर मसले पर बैठक बुलाने की मांग की थी. दरअसल, अनुच्छेद 370 और 35ए के प्रावधानों के तहत ही जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था.


सुरक्षा परिषद में शामिल चीन को छोड़कर बाकी सभी चारों स्थायी सदस्यों ने प्रत्यक्ष तौर पर भारत के रुख का समर्थन किया है कि यह विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है. अमेरिका ने भी कहा है कि कश्मीर के संबंध में हालिया घटनाक्रम भारत का आंतरिक मसला है. बुधवार को सीरिया और मध्य अफ्रीका के संबंध में विचार-विमर्श था, लेकिन चीन ने परिषद को पत्र लिखकर पाकिस्तान का मसला लाने का आग्रह किया.


INPUT: IANS