Pakistan Senate resolution over Quran: अपने देशवासियों को बुनियादी सुविधाएं देने में नाकाम रही पाकिस्तान की सरकार मूल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. इस कड़ी में संसद में एक प्रस्ताव पास किया गया है. जिसके तहत अब देस के सभी विश्वलविद्धालयों में कुरान को अनुवाद के साथ पढ़ाया जाएगा. हालांकि इस पढ़ाई के लिए छात्रों को अलग से कोई परीक्षा नहीं देनी होगी और न ही छात्रों को इसके लिए अलग से कुछ नंबर मिलेंगे.


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'हिंदू छात्रों को भी कुरान पढ़ना जरूरी'


इस फैसले का मकसद देश के छात्रों को कुरान पढ़ने के लिए प्रेरित करना है. इस आदेश का सीधा मतलब ये हुआ है कि पाकिस्तान के गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक हिंदू और इसाई धर्म को मानने वाले छात्र-छात्राओं को भी कुरान पढ़नी होगी. इस प्रस्ताव के बाद ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को पैगंबर मोहम्मद के बारे में बताया जाएगा.


जमात-ए-इस्लामी के सांसद मुश्ताक अहमद की तरफ से ये दोनों प्रस्ताव पेश किए गए. मुश्ताक का कहना है कि नियमों को ध्यान में रखकर ये दोनों प्रस्ताव पेश किए गए हैं.


गृह मंत्री का बयान 


हाल ही में PAK के गृह मंत्री राणा सनाउल्ला ने कहा था कि सरकार ने तय किया है कि वह असली कुरान की कुछ आयतों को फिर से कंपाइल कराएगी. अरबी में लिखी इन आयातों का अनुवाद किया जाएगा. इसके साथ ही कुरान की सही प्रतियों को लोगों को बांटा जाएगा. पूरे देश में इन प्रतियों को बांटा जाएगा. 


प्रांत की सरकारों को आदेश


सनाउल्ला ने यह भी कहा था कि चूंकि ये आदेश पूरे पाकिस्तान में लागू होगा इसलिए प्रांतों की सरकारों को भी इस आदेश की पालना के लिए अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी होगी ताकि अरबी भाषा वाली कुरान के साथ ही अनुवाद वाली कुरान भी आम लोगों के घर-घर तक पहुंच सकें.


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