UN News: बलोच वॉयस एसोसिएशन, पेरिस स्थित एक गैर सरकारी संगठन ने संयुक्त राष्ट्र से बलूचिस्तान में लोगों के जबरन गायब होने के मामलों की गहन जांच करने और अपराधियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराने की अपील की है. जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 52वें सत्र को संबोधित करते हुए बलोच वॉयस एसोसिएशन के अध्यक्ष मुनीर मेंगल ने कहा कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में लोगों को बार-बार भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. 


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मेंगल ने कहा, ‘बलोच लोगों ने अभद्र भाषा, हिंसा और असाधारण हत्याओं को झेला हैं और यहां तक कि ह्यूमन राइट्स वॉच द्वारा भी रिपोर्ट किया गया है कि बलोच पाकिस्तान द्वारा धीमी गति वाले नरसंहार का सामना कर रहे हैं. इस परिषद को यह स्वीकार करना चाहिए कि यह अस्वीकार्य है और इन मुद्दों को हल करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए.’


'बलोच छात्रों को दैनिक आधार पर परेशान किया जा रहा है'
बलोच छात्रों के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘संघीय राजधानी और पाकिस्तान के अन्य प्रमुख शहरों में पढ़ने वाले बलोच छात्रों को दैनिक आधार पर परेशान किया जा रहा है.’  उन्होंने कहा कि अनिश्चितता की इस स्थिति की वजह से छात्र चिंता और तनाव जैसे मनोवैज्ञानिक मुद्दों से जूझ रहे हैं,  जिससे उनके लिए अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो गया है. इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और न्याय, निष्पक्षता और समानता के सिद्धांतों के खिलाफ है.


बलोज राइट्स ग्रुप्स ने संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न शाखाओं को एक पत्र भी लिखा. पत्र में यूएस से अपील की गई है कि वह पाकिस्तान को जबरन गायब करने के कृत्यों के लिए जवाबदेह बनाने के लिए तत्काल कार्रवाई करें.


787 लोग हुए गायब
2022 के आंकड़ों के अनुसार, 787 गुमशुदगी में से 101 महिलाएं जबरन गुमशुदगी की शिकार थीं. गुमशुदा गों में बच्चे भी शामिल थे. लापता बलोच व्यक्तियों की सुरक्षित बरामदगी के लिए सड़कों पर और प्रेस क्लबों में कई विरोध प्रदर्शन हुए. हालांकि उनकी चिंताओं को दूर करने के बजाय, पाकिस्तानी राज्य ने उनकी दुर्दशा को नज़रअंदाज़ करना जारी रखा है, और जबरन गायब करने का सिलसिला धीरे-धीरे बढ़ रहा है.


(इनपुट - ANI )


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