Chandrayaan-3 Pakistan reaction: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ी ताकत बनकर उतरा है. चांद के दक्षिण गोलार्ध पर अपना अंतरिक्ष यान उतार कर भारत ने इतिहास रच दिया है. भारत वैज्ञानिकों की इस सफलता की तारीफ की पूरी दुनिया में हो रही है. अब पाकिस्तान के एक मौलवी का कथित वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह चंद्रयान-3 की सफलता पर जहां भारत की तारीफ करता तो वहीं पाकिस्तानी वैज्ञानिकों की आलोचना करते हुए दिखता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कथित वायरल वीडियो मौलवी इब्तिसाम इलाही जहीर का बताया जा रहा है. इस वीडियो में वह अंतरिक्ष के क्षेत्र में पाकिस्तान की नाकामी के लिए पाकिस्तानी वैज्ञानिकों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.


पाकिस्तान के वैज्ञानिक और उदारवादी समुदाय पर साधा निशाना
दरअसर जहीर वीडियो में जहीर पाकिस्तान के वैज्ञानिक, उदारवादी और धर्मनिरपेक्ष समुदाय पर निशाना साध रहे हैं कि ये लोग सिर्फ मौलवियों की आलोचनाओं में लगे रहते हैं. वह कहते हैं कि इंडिया तो चांद पर पहुंच गया है लेकिन पाकिस्तान का वैज्ञानिक सार दिन मौलवियों के खिलाफ बकवास करता है.



मौलवी जहीर वीडियो में कहते हैं, 'क्‍या भारत को पंडितों नें चांद पर पहुंचाया है या अमेरिका को चांद पर क्या पादरियों ने पहुंचाया है. उनके वैज्ञानिकों ने पहुंचाया है. और पाकिस्‍तान के वैज्ञानिक एक सुई तक नहीं बना सकते हैं।'


मीडिया रिपोट्स के मुताबिक जहीर वर्तमान में मरकजी जमीयत अहल ए हदीस के मुख्य आयोजक और कुरान ओ सुन्नत मूवमेंट पाकिस्तान के अध्यक्ष हैं।


चंद्रयान-3 की सफलता पर प्रतिक्रिया
पीटीआई भाषा के मुताबिक पाकिस्तान ने देर से प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को एक 'महान वैज्ञानिक उपलब्धि' करार दिया, जिसके लिए इसरो के वैज्ञानिक सराहना के पात्र हैं.


विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच से 25 अगस्त को ब्रीफिंग के दौरान चंद्रमा पर चंद्रयान-3 मिशन की सफल सॉफ्ट-लैंडिंग पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उन्होंने अपनी संक्षिप्त प्रतिक्रिया में कहा, 'मैं केवल यह कह सकती हूं कि यह एक महान वैज्ञानिक उपलब्धि है, जिसके लिए इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के वैज्ञानिक सराहना के पात्र हैं.'


चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था. अंतरिक्ष यान ने 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया, और लैंडर 23 अगस्त को 18:03 IST (12:33 UTC) पर चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरा. जिससे भारत चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने वाला चौथा देश बन गया, और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के क्षेत्र के पास ऐसा करने वाला पहला देश बन गया.