China emotional story: चीन में एक बेटी को पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने से रोकने वाली एक मां सवालों के घेरे में है. कुछ लोग इस महिला को कलियुगी मां बता रहे हैं जिसने अपनी बेटी को आखिरी बार उसके पिता का चेहरा तक नहीं देखने दिया. ऐसे में बात निकली तो दूर तक गई और फिर पुलिस-प्रशासन तक भी पहुंची. लोगों की आलोचना का शिकार हो रही झांग सरनेम वाली महिला को इसलिए भी खरी खोटी सुनाई जा रही है क्योंकि जैसे ही उसे यह पता चला कि ससुराल वालों को बेटे की मौत के बाद मुआवजे का पैसा मिला है तब वह उसमें हिस्सा मांगने पहुंच गई.


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पति से तलाक ले चुकी थी महिला


मामला मध्य चीन के हेनान प्रांत का है. जहां ये महिला अपने पति वांग के साथ रहती थी. वांग की पिछले साल एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. इससे पहले दोनों का तलाक हो चुका था. कोर्ट ने बेटी की कस्टडी मां को दी थी. जिसके बाद महिला ने दूसरी शादी कर ली थी. उसके ससुरालवालों ने उसे पति की मौत की सूचना देते हुए पोती को साथ लाने को कहा था तो उसने साफ इनकार कर दिया था. छोटी बेटी तब प्राइमरी स्कूल में पढ़ती थी. बेटी के होमवर्क का हवाला देते हुए उसने कहा कि बच्ची की पढ़ाई का नुकसान होगा इसलिए उसे नहीं भेज सकती. लेकिन हाल ही में जब उसे ये पता चला कि उसके पूर्व पति की मौत के लिए परिजनों को एक करोड़ रुपये से ज्यादा का मुआवजा मिला है तब वो अपनी बेटी को लेकर उस रकम में हिस्सा लेने अपने पूर्व पति के घर पहुंच गई.


पिता ने किया था केस


अपने बेटे के अंतिम संस्कार के बाद पीड़ित पिता ने उस सड़क हादसे के लिए ज़िम्मेदार ड्राइवर से मुआवज़ा मांगा था. परिजनों ने कोर्ट के बाहर सेटेलमेंट किया था. वो तब चौंक गए जब झांग अपनी बेटी के साथ उनके दरवाजे पर मुआवजे का करीब एक तिहाई हिस्सा यानी तीस लाख रुपये लेने आ गई थी.