इस्लामाबाद: पाकिस्‍तान (Pakistan) में ईशनिंदा (Blasphemy) के नाम पर हत्या का एक और मामला सामने आया है. डेरा इस्‍माइल खान (Dera Ismail Khan) में तीन महिला शिक्षकों ने अपनी एक पूर्व सहयोगी की गला रेतकर हत्‍या कर डाली. तीनों का कहना है कि मृतका ने ईशनिंदा की थी, इसलिए उन्होंने ऐसा किया. हैरानी की बात यह कि ईशनिंदा का आरोप उन्होंने ने अपनी एक रिश्‍तेदार के सपने के आधार पर लगाया. मंगलवार की इस घटना के बाद पुलिस ने रिश्‍तेदार सहित तीनों को अरेस्‍ट कर लिया है.


धार्मिक मुद्दों पर था मतभेद


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‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना की सूचना मिलते ही जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो देखा कि महिला खून से लथपथ है और उसका गला कटा हुआ है. FIR में कहा गया है कि पीड़िता पर हमले में धारदार वस्तुओं का इस्तेमाल किया गया. आरोपी लड़कियों की उम्र क्रमश: 17, 21 और 24 वर्ष है. उन्‍होंने धार्मिक मुद्दों पर मतभेद और ईशनिंदा के आरोप में 21 वर्षीय पीड़िता की हत्या कर दी. मृतका जाने-माने धार्मिक विद्वान मौलाना तारिक जमील की अनुयायी थी, जिसे आरोपी महिलाएं नापसंद करती थीं.


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सपना देखने वाली आरोपी नाबालिग


एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की 13 वर्षीय किशोरी रिश्तेदार ने एक सपना देखा, जिसमें उसे पीड़िता द्वारा की गई कथित ईशनिंदा के बारे में पता चला और बाद में उसे जान से मारने का आदेश दिया गया. पुलिस अध‍िकारी ने कहा कि शुरुआती जांच के दौरान सपने के विवरण वाला एक रजिस्टर बरामद किया गया है. इसके बाद तीनों संदिग्धों को उनके रिश्तेदारों के साथ गिरफ्तार किया गया है.


मदरसों के बोर्ड ने की निंदा


आरोपी महिलाएं महसूद जनजाति की हैं और दक्षिण वजीरिस्तान कबायली जिले की रहने वाली हैं.  इस घटना के बाद मदरसों के बोर्ड 'वफाकुल मदारिस अल अरब पाकिस्तान' ने हत्या की निंदा की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. बोर्ड ने एक बयान में घटना की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की और दोषियों को गिरफ्तार करने और उन्हें दंडित करने का आह्वान किया. गौरतलब है कि इससे पहले भी पाकिस्तान में ईशनिंदा के नाम पर हत्याएं हो चुकी हैं.


इनपुट: IANS