Hair Wash: पीरियड्स के दौरान महिलाओं को धोने चाहिए बाल? क्या आपको पता है महीने के उन दिनों से जुड़ा मिथ
why women not allowed to wash hair during periods: सनातन धर्म में कई मान्यताओं, परंपराओं और रीति रिवाजों का चलन अनादिकाल से है. कई ऐसी परंपराएं आज भी भारतीय हिंदू परिवारों में मौजूद हैं. हिंदू धर्म में बाल धोने के नियम भी बताए गए हैं. महिलाओं और कुंआरी लड़कियों के बाल धोने के शुभ दिन अलग-अलग बताए गए है. इसका आधार वैज्ञानिक है या नहीं? ये जानने से इतर लोगों की दिलचस्पी शुभ-अशुभ जानने को लेकर होती है. कुंवारी लड़कियां हो या शादीशुदा महिलाएं पीरियड्स में बाल धोने चाहिए या नहीं? धोने चाहिए तो किस दिन जैसी तमाम भ्रांतिया आज भी फैली हैं.
दादी-नानी की राय से इतर ज्योतिष शास्त्र पर विश्वास रखने वालों का मानना है कि अगर ज्योतिष में बताए गए नियमों के अनुसान बाल धोएं जाएं, तो घर में धन-दौलत भी बढ़ती है और गलत दिन या अशुभ दिन में बाल धोने से जीवन में निगेटिविटी बढ़ती है. आइए जानें किस दिन बाल धोने से जीवन पर क्या असर पड़ता है. इसके साथ ही आपको बताते हैं, एक्सपर्ट्स का इस विषय पर क्या कहना है.
कभी कभी सोशल मीडिया पर लोग इस विषय पर ज्ञान देते दिख जाते हैं कि पीरियड्स के दौरान बाल धोने चाहिए या नहीं? क्या पीरियड्स के दौरान बाल धोने से पीसीओडी और पीसीओएस जैसी बीमारियां हो सकती हैं? ऐसी बातें कहीं जाती हैं. सोशल मीडिया से इतर कोई कहता है कि पीरियड्स के तीसरे दिन बाल धो सकते हैं. ऐसे कई बातें हैं, जिनके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.
ऐसे वीडियोज में महिलाएं पीरियड्स के दौरान लड़कियों को बाल न धोने की सख्त हिदायत देती नजर आती हैं. पीसीओडी (PCOD) और पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का डर दिखाया जाता है. ऐसे ही एक वीडियो में बेटी अपने बाल धोने जा रही होती है, तभी उसकी मां उसे ये कहकर रोक देती है कि चूंकि उसके पीरियड्स चल रहे हैं इसलिए वो अभी 3 दिन बाल नहीं धो सकती. बच्ची कहती है, 'मां पीडियड्स में तो डॉक्टर और भी साफ सफाई रखने को कहते हैं तो भला मैं क्यो न अपने बाल धुलूं'? इसके जवाब में मां कहती है, 'सुनो बेटी महीना (पीरियड्स) शुरू होने से 72 घंटे तक हमारे शरीर में पर्याप्त मात्रा में गर्मी होना जरूरी होता है. शरीर जितना गर्म होगा, उतनी ही अच्छी तरह हमारे शरीर से पीरियड्स का ब्लड निकलेगा.'
आगे मां कहती है कि - 'अगर हम सिर पर पानी डाल लेंगे तो हमारा शरीर ठंडा हो जाएगा. ऐसे में हमारे शरीर से पीरियड्स का ब्लड ठीक से नहीं निकल पाएगा. आज के जमाने की लड़कियां तो पीरियड्स के दौरान सिर धोती हैं जिसके चलते उन्हें पीसीओएस और पीसीओडी जैसी बीमारियों का शिकार होना पड़ता है'.
ऐसे वीडियोज को लेकर कुछ गाइनी यानी महिलाओं की डॉक्टरों का कहना है कि पीरियड्स के दौरान बाल धोना एकदम सेफ है. यूनिसेफ की वेबसाइट पर पीरियड्स के दौरान बाल धोने को एक भ्रांति बताया गया है. वेबसाइट में ये भी लिखा है कि पानी का महिलाओं की हेल्थ या मेंस्ट्रुअल सायकल (माहवारी के साइकल) पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता.
कई डॉक्टरों ने पीरियड्स के दौरान बाल न धोने की धारणा को सिर्फ महज एक भ्रांति बताया है. उनका कहना है कि बाल धोने से पीरियड्स पर कोई असर नहीं पड़ता. उनका ये भी कहना है कि ऐसी सोच रखने वालों का मानना है कि पीरियड्स के दौरान नहाने से पानी का ठंडा प्रभाव, गर्भाशय तक पहुंच जाता है जिससे बांझपन का खतरा हो सकता है, लेकिन ऐसे दावों में कोई सच्चाई नहीं है.'
पीरियड्स से इतर महिलाओं के बाल धुलने को लेकर जुड़ी मान्यताओं की बात करें तो सनातन में ऐसी मान्यता है कि सप्ताह के कुछ विशेष दिन यदि सुहागिन महिलाएं अपने बाल धोती हैं, तो ये उनके पति एवं परिवार के लिए शुभ नहीं माना जाता है. ज्यादातर जगहों पर यह मान्यता है कि मंगलवार, गुरुवार और शनिवार के दिन महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए.
कहा जाता है कि बुधवार को महिलाएं सिर धुल सकती हैं. इससे घर में धन और समृद्धि बढ़ती है. खुद या पति की रोजी-रोजगार में बढ़ोतरी होती है. वहीं कुंआरी लड़कियों को बुधवार के दिन बाल नहीं धोने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से उसके भाई को कष्टों का सामना करना पड़ सकता है. वहीं महिलाओं के गुरुवार को बाल धोने से घर की बरकत कम होती है. सुख-समृद्धि पर बुरा असर पड़ता है. गुरुवार को तो पुरुषों को भी बालों में साबुन या शैंपू नहीं लगाना चाहिए. गुरुवार को बाल धोने से आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. शनिवार को बाल धोने से आर्थिक तंगी हो हो सकती है.
वहीं रविवार के दिन बाल धोने के लिए उपयुक्त माना जाता है. लेकिन ये भी बताया जाता है कि रविवार को सुहागिन महिलाओं को बाल धोने से बचना चाहिए. हालांकि कुंवारी लड़कियां और पुरुष Sudnay को अपने बाल धो सकते हैं.
डिस्क्लेमर: प्रिय पाठक, हमारी खबर पढ़ने के लिए धन्यवाद. आपको बताते चलें कि ये आर्टिकल जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. ये आर्टिकिल पाठकों को केवल समाज में इस विषय पर होने वाली चर्चा और समाज के चलन की जानकारी देने के लिए लिखा गया है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.