मुंबई: बीजेपी और शिवसेना ने अपनी आपसी कलह दूर कर एक बार फिर अपना घर बसा लिया. इस प्यार को क्या नाम दिया जाए, यह सबके मन में सवाल है. दरअसल, उनके बीच की आपसी दूरियां यू ही नहीं मिटी. इसके लिए दोनों ने कुछ महीनों से अपने लेवल पर अंदरूनी बातचीत जारी रखी. लेकिन अपने मिलन का ऐलान 18 फरवरी को किया. इस मिलन को वास्तविक रूप देने में कई दौर की मीटिंग, पोहा और उपमा का बड़ा योगदान है. 


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गठबंधन के ऐलान के पहले अमित शाह और उद्धव ठाकरे की मीटिंग मातौश्री में हुई. अमित शाह को पोहा पसंद है. सूत्रों की मानें तो मातौश्री में पोहा खाकर ही अमित शाह ने उद्धव ठाकरे के साथ बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की डील फायनल की. 


फोटो साभार- @ShivSena

बीजेपी की तरफ से राव साहेब दानवे, सुधीर मुनगंटीवार, गिरीष महाजन, चंद्रकांत पाटिल वहीं, शिवसेना की तरफ से संजय राउत, एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई, दिवाकर रावते लगातार इन पार्टियों के नेताओं की बातचीत आपस में चल रही थी. सूत्रों की मानें तो पिछले कई महीनों में अलग-अलग जगहों पर 10 से ज्यादा मीटिंग हो चुकी थी. जब लगा यह मीटिंग वास्तविक रूप धारण कर लेगी, उसके बाद दोनों पार्टियों के आलाकमान से इसमें बातचीत होने लगी.  


 



ये बातचीत मे चार लोगों की लगातार बातचीत हो रही थी. बीजेपी के तरफ से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेद्र फड़नवीस तो वहीं, शिवसेना की तरफ से पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की बातचीत हो रही थी. सीटों को लेकर बातचीत अटक रही थी. बीजेपी लोकसभा में पुराने सीट फार्मुले को लेकर साथ में चुनाव लड़ना चाहती है और लोकसभा चुनाव के बाद वह विधानसभा के सीट शेयरिंग को लेकर तय करने वाली थी. लेकिन, शिवसेना चाहती थी कि लोकसभा और विधानसभा के सीट शेयरिंग को क्लीयर कर साथ मे इसका ऐलान किया जाए. 



सीएम देवेद्र फड़नवीस इसे पुख्ता करने के लिए पिछले 14 फरवरी को मातोश्री पहुंचे थे. शिवसेना ने 50-50 सीट शेयरिंग पर लोकसभा सीट और विधानसभा में 144 से ज्यादा सीट की दावेदारी की मांग कर महाराष्ट्र में बड़े भाई की भूमिका निभाने के लिए कहा और शिवसेना के लोकसभा-विधानसभा के सीट की डिमांड के बारे में सीएम ने अपने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को अवगत कराया. उसके बाद 18 फरवरी को तारीख डिसाइड हुई अमित शाह उस दिन राजस्थान से मुंबई पहुंचें. 


अमित शाह को पोहा पसंद है. सूत्रों की मानें तो मातोश्री पर पोहा का स्वाद चखने के बाद दोनों पार्टी ने मीटिंग कर एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने के कन्क्लुजन पर पहुंची. मीटिंग में दोनों ने माना कि दोनों एक-दूसरे के बिना अधुरे हैं. लगातार साढ़े चाल से सत्ता मे रहकर विपक्षी की भूमिका निभाने वाले शिवसेना के पार्टी अध्यक्ष उद्धव और अमित शाह ने एक-दूसरे के गिले शिकवे भुलाकर साथ में रहकर चुनाव लड़ने का एक-दूसरे को वादा किया. आपसी सहमति से महाराष्ट्र में बीजेपी 25 और शिवसेना ने 23 सीट पर लड़ने का निर्णय लिया और विधानसभा में आधी-आधी सीट पर लड़ने की बात कही. इस तरह इस गठबंधन के एक अधुरी प्रेम कहानी का एक सुखद अंत हुआ.