Garud Puran: मरने के बाद कर्मों के आधार पर व्‍यक्ति को स्‍वर्ग या नर्क (Heaven or Hell) मिलता है. कई धर्म पुराणों में इस बारे में जिक्र है कि व्‍यक्ति को कैसे कर्म करना चाहिए ताकि वह नर्क में जाने से बच सके. लेकिन गरूड़ पुराण (Garud Puran) में इस बारे में खासतौर पर विस्‍तार से बताया गया है. मृत्‍यु (Death) और उसके बाद आत्‍मा (Soul) के सफर को लेकर गरुड़ पुराण में कई बातें बताईं गईं हैं. इसमें यह भी बताया गया है कि मरने के बाद आत्‍मा को कैसी सजा भुगतनी पड़ती है. उसे उसके कर्म के आधार पर किस नर्क में भेजा जाता है. 


कुल 84 लाख नर्क हैं  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भगवान विष्‍णु ने पक्षीराज गरूड़ से जो संवाद किया है, उसे ही गरुड़ पुराण में बताया गया है. इसके मुताबिक मृत्‍यु के बाद पापी लोगों की आत्‍मा को नर्क में भेजा जाता है. वैसे तो इसके लिए 84 लाख नर्क हैं, लेकिन इनमें से 21 नर्क प्रमुख हैं. इन नर्कों में आत्‍माओं को कड़ी सजा दी जाती है. आमतौर पर इन नर्कों में उन्‍हीं लोगों की आत्‍माएं भेजी जाती हैं, जो धर्म के विरुद्ध आचरण करते हैं. 


यह भी पढ़ें: Scary Dreams: दिन में भी पीछा नहीं छोड़ते रात के बुरे सपने? इनमें से एक काम कर लें, मिल जाएगी राहत


इन लोगों को मिलती है नर्क में कड़ी सजा 


गरुड़ पुराण के मुताबिक जो लोग पाप करते हैं, धर्म के विरुद्ध आचरण करते हैं उनकी आत्‍माएं लंबे समय तक नर्क में रहती हैं. जब तक कि कर्मों के आधार पर उनकी सजा पूरी नहीं हो जाती है यमदूत उन्‍हें कष्‍ट देते रहते हैं. मरने के बाद यमदूत आत्‍मा को चित्रगुप्‍त के पास ले जाते हैं, जहां उसके कर्मों के आधार पर उसे नर्क दिया जाता है. इसके बाद नर्क के पास एक विशालकाय शाल्मली के वृक्ष से आत्‍मा को बांधा जाता है. यह पेड़ आग की तरह दहकता रहता है. इसी पेड़ से बांधकर यमदूत आत्‍मा को दंड देते हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)