Auspicious Yog: कुंडली में हो ये योग तो करोड़ों में खेलता है व्यक्ति, धन-वैभव के साथ मिलता है राजसत्ता का सुख
Shubh Yog In Kundali: ग्रहों की स्थिति में बदलाव व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है. कुंडली में मौजूद योगों के आधार पर ही इसका पता लगाया जा सकता है. व्यक्ति की कुंडली में कई ऐसे योग होते हैं, जो व्यक्ति को धनवान, ज्ञानवान से लेकर राजसत्ता का सुख प्रदान करते हैं.
Kundali Mein Shubh Yog: व्यक्ति के जीवन में ग्रहों और नक्षत्रों का परिवर्तन उसके जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव डालता है. व्यक्ति की कुंडली देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है, कौन-सा योग उसके जीवन में शुभ फल प्रदान करेगा. इसमें कई योग ऐसे हैं, जिन्हें देखकर इस बात का पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति आने वाले समय में पैसों में खेलागा, ज्ञानवान बनेगा और राजसत्ता का सुख भोगेगा. इन सब चीजों के लिए व्यक्ति की कुंडली में पर्वत योग, काहल योग, लक्ष्मी योग और पारिजात योग का होना बेहद जरूरी है. जानें इन योगों के बारे में.
कुंडली में पर्वत योग
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली के अंदर प्रथम भाव में लग्नेश अपनी उच्च राशि या खुद की राशि में स्थित हो और साथ ही केंद्र या त्रिकोण बन रहा है, तो ऐसी स्थिति में ही पर्वत योग का निर्माण होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के छठे और आठवें भाव में किसी भी ग्रह के न होने पर भी इस योग का निर्माण होता है. इस भाव के खाली होने पर व्यक्ति अशुभ प्रभाव से मुक्त रहता है. कुंडली में ऐसा योग व्यक्ति को भाग्यशाली बनाता है. ऐसा व्यक्ति राजनीति में अच्छा स्थान पाता है. जीवन में किसी भी सुख की कमी नहीं रहती.
कुंडली में काहल योग
किसी भी जातक की कुंडली में चतुर्थेश व नवमेश एक दूसरे के सामने हों यानी की केंद्र में हो, लग्नेश बली हो, तो काहल योग बनता है. कुंडली में ये योग व्यक्ति को साहसी बनाता है. हर काम व्यक्ति पूरे जूनून और विश्वास के साथ पूरा करता है. जिन लोगों की कुंडली में ये योग बनता है, उनके पास खूब पैसा और संपत्ति होती है. हर तरह से परिपूर्ण होते हैं.
कुंडली में लक्ष्मी योग
ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में लक्ष्मी योग को सबसे शुभ माना गया है. जिन लोगों की कुंडली में ये योग होता है, वे जन्म से ही धनवान होते हैं. बता दें कि ये योग कई अन्य योगों के साथ मिलकर बनता है. कुंडली में लग्नेश के बलवान होता है. साथ ही, अगर कुंडली में ये योग होता है, तो व्यक्ति को भोग-विलास मिलता है. ऐसे लोग पुश्तैनी संपत्ति के मालिक बनते हैं. ये लोग धनवान होने के साथ संतान की तरफ से भी धन पाते हैं.
पारिजात योग
बता दें कि किसी व्यक्ति की कुंडली में लग्नेश स्थित हो, साथ ही राशि का स्वामी कुंडली के उच्च स्थान पर उपस्थित हो या अपने घर में स्थिति हो या फिर अपने ही घर में हो तो कुंडली में पारिजात योग का निर्माण होता है. व्यक्ति राजसत्ता जैसा सुख भोगता है. समाज में इन लोगों को खूब मान-सम्मान मिलता है. व्यक्ति कम समय में तेजी से मशहूर होता है. व्यक्ति की आय के सोर्स तेजी से बढ़ने लगते हैं. व्यक्ति की सात पुश्तै भी बैठकर खाती हैं. साथ ही, व्यक्ति हर क्षेत्र में अपार सफलता पाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)