Vastu Dosh: अगर घर से बीमारी नहीं जा रही है, आए दिन लोग बीमार रहते हैं. एसिडिटी और गैस की समस्या चैन नहीं लेने दे रही है. कैंसर, इंफेक्शन और सेहत से जुड़ी अन्य कई बड़ी बीमारी के साथ खाद्य पदार्थों की बर्बादी या कमी एवं का सामना करना पड़ रहा है. तो एक बार जरुर चेक कर लें , कि घर की रसोई कहीं गलत दिशा में तो नहीं बनी है. यदि आपके घर में खाना पकाने का स्थान यानी कि रसोईघर नैऋत्य कोण में है, तो इसका अर्थ है कि आपने अग्नि तत्व को गलत स्थान दिया है , जो आपके शरीर को घातक परिणाम दे सकता है. रसोई घर को अग्नि देवता का स्थान माना जाता है. इसलिए इसे हमेशा सही स्थान पर ही बनाना चाहिए. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित शशिशेखर त्रिपाठी जी से कि नैऋत्य दिशा में बनी रसोईघर के क्या होते हैं घातक परिणाम.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Aja Ekadashi 2024: अजा एकादशी पर कृपा बरसाने के लिए तैयार रहते हैं श्री हरि, प्रसन्न करने के लिए करें ये काम
 


राहु घोलेगा खाने में जहर


नैऋत्य यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में  राहु का वास है और राहु विष  है. राहु के स्थान पर बने भोजन के पोषक तत्व खत्म हो जाते है और भोजन विषाक्त हो जाता है. घर के मालिक को फूड प्वाइजनिंग की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. बीमारी से बचाव के लिए ताजा बना हुआ भोजन करें और भोजन बनाने के बाद उसे रसोई घर में न रखें. 


दिन भर दिमाग में घूमता रहता है कमाई का जुगाड़ 


नैऋत्य कोण में रसोई बनाने से घर के मुखिया को निरंतर धन कमाने को लेकर चिंता बनी रहती है. अचेतन मन में भी यह विचार आते रहते हैं कि नियमित रूप से इतनी कमाई होने लगे कि हमारी रसोई डिस्टर्ब न हो. जो लोग नौकरी छोड़कर व्यापार करना चाहते हैं, वह लोग यह निर्णय ले नहीं पाते हैं कि व्यापार शुरू करने में जो जोखिम है उसमें कुछ नकारात्मकता आई तो रसोई कैसे चलेगी. भू स्वामी को आर्थिक चिंता बनी रहती है. 


Tulsi Remedies: तुलसी के पौधे का ये भाग है किसी जादुई मणि से नहीं है कम, इस उपाय पैसों से लबालब भरेगा तिजोरी
 


कैंसर रोगी हो जाए अलर्ट


यदि आपको या घर के किसी भी सदस्य को कैंसर जैसी बड़ी बीमारी है और यदि रसोई भी नैऋत्य कोण में है, तो बीमारी घटने के बजाय और बढ़ सकती है.  उपाय के तौर पर रसोई  का स्थान परिवर्तित कर देना चाहिए.


पितृदोष का है कारण


नैऋत्य दिशा का संबंध पितरों से भी होता है. अगर नैऋत्य  दिशा में अग्नि तत्व का काम होने लगता है यानी रसोई आ जाती है, तो इससे पितरों की नाराजगी होती है और जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है उनको पितृ दोष से मुक्ति के समाधान करने में भी व्यवधान आता है. 


विस्फोट एवं दुर्घटना की आशंका 


नैऋत्य कोण  में किसी भी प्रकार का डिस्टरबेंस होने से भू स्वामी यानी घर के मालिक के शरीर पर भी यह असंतुलन दिखाई देता है. अत्यधिक मात्रा में पित्त बनने के साथ स्किन से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही घर में दुर्घटना और विस्फोट होने की आशंका भी बढ़ जाती है.