Shukra Astha: 13 दिन बाद फिर से लग जाएगा मांगलिक कार्यों पर विराम, 73 दिन तक नहीं किए जा सकेंगे ये काम
Venus Set In Aries: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी ग्रह का उदय और अस्त होना सभी राशियों के जीवन को प्रभावित करता है. बता दें कि 28 अप्रैल को शुक्र अस्त होने जा रहे हैं, जिसके बाद कई शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोग लग जाएगी.
Shukra Set Effect: शुभ मुहूर्त में शुक्र ग्रह की भूमिका महत्वपूर्ण है. शुभ मुहूर्त में कार्य को प्रारंभ करने या संपन्न करने पर उस कार्य की पूर्णता और सफलता की संभावना अधिक बढ़ जाती है, इसलिए कार्य की तारीख तय करने से पहले मुहूर्त विचार किया जाना जरूरी होता है. कार्यों को उनके हिसाब से अच्छे मुहूर्त में प्रारम्भ करना सर्वसिद्धि दिलाने वाला होता है, वहीं यदि मुहूर्त ठीक न हो तो कार्यों में बाधाएं आती रहती है. अस्त होने से उदय होने के मध्य किसी भी प्रकार के हिन्दू संस्कार –विवाह, उपनयन, चौल मुंडन, गृहारम्भ,नूतन गृह प्रवेश इत्यादि कार्यों की मनाही है.
क्या है शुक्र अस्त
अंतरिक्ष में जब सूर्य के काफी नजदीक शुक्र आते हैं, तो वह सूर्य के ताप से अस्त हो जाते हैं. जिससे उनकी पावर कम हो जाती है. कुछ लोग इसे शुक्र डूबना भी कहते हैं. 28 अप्रैल को शुक्र अस्त हो जाएंगे, इस अवधि में वह मेष राशि में गुरू और सूर्य के साथ रहेंगे, करीब 73 दिन अस्त अवस्था में रहने के बाद वह 11 जुलाई को उदय होंगे और तब तक वह कर्क राशि में प्रस्थान कर चुके होंगे. शुक्र के अस्त होने की स्थिति में शुभ एवं मांगलिक कार्यों पर रोक लगी रहेगी. इसलिए कोई भी शुभ कार्य 14 अप्रैल से लेकर 27 अप्रैल तक ही किए जा सकेंगे.
शुक्रास्त में नहीं होंगे यह कार्य
- शुक्र का संबंध आंखों के विजन से होता है, इसलिए अंतरिक्ष में जब शुक्र अस्त हों तो जो लोग आंखों का ऑपरेशन कराना चाहते हैं उन्हें इससे बचना चाहिए.
-जो ग्रह अस्त होता है उसका प्रतिनिधित्व करने वाले रत्न को धारण नहीं किया जाता है. इसलिए शुक्रास्त में हीरा न तो खरीदना चाहिए और न ही इस अवधि में पहनना चाहिए.
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- जिन दंपत्तियों को संतान होने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और वह आईवीएफ के माध्यम से प्रयास कर रहे हैं उन्हें भी शुक्रास्त में ऐसे कार्यों को इस अवधि में छोड़ देना ही बेहतर है.
- नए भवन के लिए पानी के लिए बोरिंग करानी हो, तो उसे अभी शुक्र अस्त के दौरान न कराएं.
- नया वाहन या सुख संसाधनों की अन्य वस्तुओं की खरीद करने से बचें.
- विवाह संबंधित कार्यों को करने की सख्त मनाही है क्योंकि शुक्र पत्नी सुख से संबंधित है और वह इस समय कमजोर है तो उस सुख में कमी हो सकती है.
- मुंडन, गृह प्रवेश आदि भी नहीं करना है.
- यदि आप कोई व्रत धारण किए हैं और उसकी पूर्णता पर उद्यापन का समय हो गया है, तो उसे भी इस अवधि में करने से बचना है.