Ayodhya Masjid: इत्र से गुस्ल होकर मक्का से आई पवित्र ईंट, लगेगी अयोध्या मस्जिद की नींव में
Ayodhya Masjid Opening Date: अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन के बाद अब मस्जिद का निर्माण शुरू होने वाला है. मस्जिद की नींव के लिए मक्का से आबे जम-जम और इत्र से गुस्ल कराके पवित्र काली ईंट भारत लाई गई है.
Black Brick for Ayodhya Masjid: 22 जनवरी को अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. अब अयोध्या में मस्जिद का निर्माण शुरू होना है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने 5 एकड़ जमीन में मस्जिद निर्माण कराए जाने का आदेश दिया था. साल 2019 में अयोध्या भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि स्थल पर राम मंदिर का निर्माण करने और 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद बनाने का आदेश दिया था. यह मस्जिद अयोध्या से 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर गांव में बनाई जा रही है.
मक्का से आई पवित्र ईंट
अयोध्या में बनने जा रही मस्जिद की नींव में जो पहली काली ईंट रखी जानी है उसे पवित्र करने के लिए मक्का भेजा गया था. अब मक्का से यह पवित्र ईंट भारत लाई गई है. इस ईंट को मक्का शरीफ और मदीना शरीफ में आबे जम-जम और इत्र से गुस्ल कराया गया था. मक्का मदीना से आई यह पवित्र ईंट बेहद खास है. इसे एक विशेष प्रकार की काली मिट्टी से बनाया गया है. 12 अक्टूबर 2023 को इस काली ईंट का अनावरण करने के बाद इसे मक्का भेजा गया था. इस ईंट पर सोने से पवित्र कुरान की आयतें लिखी गई हैं. साथ ही इस्लाम के नबी के नाम भी लिखे गए हैं.
ईद के बाद अयोध्या लाई जाएगी पवित्र ईंट
अप्रेल 2024 में रमजान और ईद के बाद इस पवित्र ईंट को अयोध्या लाया जाएगा. धन्नीपुर में बन रही इस मस्जिद का नाम पैगंबर मोहम्मद के नाम पर मस्जिद मोहम्मद बिन अब्दुल्ला रखा गया है. यह मस्जिद भव्य और शानदार होगी. इस मस्जिद में इस्लाम में बताए गए 5 स्तंभ - तौहीद, नमाज, रोजा, जकात और हज के प्रतीक के रूप में 5 मीनार होंगी. इस बेहद खूबसूरत मस्जिद में 9 हजार लोग एक साथ नमाज अदा कर सकेंगे. इसमें 5 हजार पुरुष और 4 हजार महिलाओं यानी कि कुल 9 हजार लोग एकसाथ नमाज अदा कर सकेंगे.
दुनिया की सबसे बड़ी कुरान
धन्नीपुर में बन रही इस मस्जिद में बहुत कुछ होगा. जैसे- 500 बेड वाला कैंसर अस्पताल, स्कूल, लॉ कॉलजे, लाइब्रेरी, म्यूजियम, किचन आदि. इसके अलावा इस मस्जिद में दुनिया की सबसे बड़ी कुरान भी होगी, जो केसरिया रंग की होगी. दरअसल, मुस्लिम समुदार केसरिया रंग को सूफी संत चिश्ती का रंग मानते हैं. यह कुरान 21 फीट ऊंची और 36 फीट चौड़ी होगी.