Budh Grah Stotram: बुधवार का दिन गणपति का दिन है. इस दिन विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा करने से जीवन में आ रही समस्याओं से जल्द निजात मिलती है. कुंडली में बुध की कमजोर स्थिति व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं से घेर लेती है. ज्योतिष शास्त्र में बुधवार के दिन बुध स्तोत्र का पाठ करना बहुत ही लाभदायी माना गया है. जानें बुधवार के दिन बुध स्तोत्र का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

Hariyali Teej 2024: कई दुर्लभ संयोग में मनाई जा रही हरियाली तीज, सिर्फ इन 4 राशि की महिलाओं की होगी बल्ले-बल्ले
 


मिलते हैं कई लाभ 


कुंडली में बुध ग्रह के कमजोर होने पर उसे बुध स्तोत्र का पाठ करने की सलाह दी जाती है. कुंडली में बुध ग्रह बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. ऐसे में हर बुधवार या रोजाना भी बुध स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं. इसका रोजाना 108 बार जाप करने से बहुत शुभ प्रभाव पड़ता है. बता दें कि बुध स्तोत्र का पाठ करते समय व्यक्ति के हरे रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए. ऐसा करने से व्यक्ति पर बुध देव की कृपा बनी रहती है. 


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति मधुरभाषी बनता है. साथ ही, जातक की स्मरण शक्ति भी बहुत तेज होती है. कहते हैं कि कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी हो तो व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है.


Nag Panchami के दिन घर के मेन गेट पर करें ये जादुई उपाय, महादेव दूर करेंगे पैसों से जुड़ी समस्या, नोटों की लगेगी झड़ी
 


बुध स्तोत्र का पाठ 


पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता ।


धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ।।1।।


प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम ।
यह विडियो भी देखें


सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम ।।2।।


सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित: ।


सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम ।।3।।


उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: ।


सूर्यप्रियकरोविद्वान पीडां हरतु मे बुधं ।।4।।


शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन: ।


सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु ।।5।।


श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी ।


रजोधिको मध्यमरूपधृक स्या-दाताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र: ।।6।।


अहो चन्द्रासुत श्रीमन मागधर्मासमुदभव: ।


अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहु: खड्गखेटकधारक: ।।7।।


गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित: ।


केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित: ।।8।।


ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज: ।


कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन: ।।9।।


गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा ।


सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।10।।


एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर: ।


बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते ।।11।।


।। इति मंत्रमहार्णवे बुधस्तोत्रम ।। 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)