Chaitra Amavasya Remedies: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि और पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया जाता है. इन दिनों स्नान-दान आदि करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. चैत्र माह की शुरुआत होत चुकी है. ऐसे में चैत्र माह मे आने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या या फिर भूतड़ी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान-दान आदि करने से व्यक्ति को कई गुना फल की प्राप्ति होती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन पितरों का तर्पण, व्रत और पूजा आदि का भी विशेष महत्व बताया गया है. कहते हैं कि इस दिन पितरों के निमित्त किए गए पिंडदान आदि से उनकी आत्मा तृप्त होती है और प्रसन्न होकर वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. आइए जानते हैं इस अमावस्या के महत्व और कुछ जरूरी उपायों के बारे में.


चैत्र अमावस्या का महत्व


बता दें कि इस बार भूतड़ी अमावस्या मंगलवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसे भौमवती अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों में कर्ज से मुक्ति पाने के लिए भौमवती अमावस्या को बेहद शुभ माना गया है. इस दिन किए गए उपाय जल्द असर दिखाते हैं. कहते हैं कि इस दिन किए गए दान- स्नान आदि से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है.


चैत्र अमावस्या शुभ मुहूर्त


हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार चैत्र अमावस्या तिथि का आरंभ 20 मार्च 2023, रात 1 बजकर 47 मिनट से शुरू होगा और 21 मार्च 2023 रात 10 बजकर 53 मिनट तक रहेगा.


अतृप्त आत्माओं से बचने के लिए करें ये उपाय


हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या तिथि होती है. हर माह आने वाली अमावस्या का अलग महत्व होता है. चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या के नाम से जानते हैं. कहते हैं कि इस माह में आने वाली अमावस्या पर अतृप्त आत्माओं का साया होता है. वे अपनी अधूरी इच्छाएं पूरी करने के लिए लोगों के शरीर को अपना शिकार बनाती हैं. ऐसे में अगर आप इन आत्माओं और नकारात्मक शक्तियों को शांत करने के लिए किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करें. कहते हैं कि इस दिन स्नान-दान आदि का खास महत्व बताया गया है.


अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें
 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)